कश्मीर मुद्दे पर एक बार फिर पाकिस्तान का असली चेहरा सामने आया है. भारत को चिढ़ाते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने शनिवार को 22 सांसदों को विशेष दूत नामित किया, जिन्हें इस विषय को उठाने के लिए विभिन्न देशों की राजधानियों में भेजा जाएगा.
शरीफ ने कहा, ‘हम संयुक्त राष्ट्र को कश्मीरी अवाम को आत्मनिर्णय के उसके काफी समय से लंबित वादे की याद दिलाते रहेंगे.’ पाकिस्तान के कूटनीतिक हमले को तेज करते हुए प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा कि उन्होंने दुनिया के विभिन्न हिस्सों में कश्मीर मुद्दा उठाने के लिए सांसदों को भेजने का फैसला किया है.
हिजबुल कमांडर बुरहान वानी के सुरक्षा बलों द्वारा मारे जाने के बाद आठ जुलाई को कश्मीर घाटी में भड़की अशांति के जारी रहने के बीच भारत और पाकिस्तान के बीच जुबानी जंग बढ़ने के मद्देनजर शरीफ ने यह कदम उठाया है. रेडियो पाकिस्तान की खबर के मुताबिक प्रधानमंत्री ने विशेष दूतों से दुनिया भर में कश्मीर मुद्दे को उजागर करने के लिए अपनी कोशिश सुनिश्चित करने को कहा है ताकि वे इस साल सितंबर में संयुक्त राष्ट्र में अपने भाषण के दौरान अंतरराष्ट्रीय समुदाय की सामूहिक अंतरात्मा को झकझोर सकें.
उन्होंने कहा, ‘हम भारत को यह भी स्पष्ट कर देंगे कि यह भारत ही है जिसने कश्मीर मुद्दे पर कई दशक पहले संयुक्त राष्ट्र का रूख किया था लेकिन अब यह अपने वादे को पूरा नहीं कर रहा.’ शरीफ ने कहा कि कश्मीर समस्या संयुक्त राष्ट्र की सर्वाधिक मौजूदा नाकामी है और विश्व समुदाय को इसकी प्रासंगिकता अवश्य निर्धारित करनी चाहिए.