नई दिल्ली : मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय द्वारा गैर नेट फेलोशिप खत्म ना करने की बात साफ करने के बावजूद छात्रों ने फेलोशिप के तहत मिलने वाली राशि बढ़ाने की मांग को लेकर अपना आंदोलन जारी रखा है.
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सात अक्तूबर को एक बैठक में नॉन नेट फेलोशिप योजना खत्म करने का संकल्प लिया था जो देश के केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शोध कर करने वाले छात्रों को दिया जाता है. यूजीसी ने कहा था कि फेलोशिप कार्यक्रम भेदभावपूर्ण प्रकृति का है और विश्वविद्यालयों में चयन प्रक्रिया में समरूपता की कमी है.
यूजीसी ने साथ ही फेलोशिप देने में असमर्थता की वजह धन की कमी होना बताया था. इसके बाद फैसले को वापस लेने की मांग के साथ पिछले हफ्ते दिल्ली के विश्वविद्यालयों के छात्रों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया.
छात्रों में संशय की स्थिति खत्म करते हुए सरकार ने कहा था कि गैर नेट फेलोशिप जारी रहेगा और नेट एवं साथ ही गैर नेट फेलोशिप के मुद्दों पर पूरी गहराई से ध्यान देने के लिए एक समीक्षा समिति का गठन किया गया है.
योजना के तहत वर्तमान में एमफिल की पढ़ाई कर रहे छात्रों को 18 महीने तक प्रतिमाह 5,000 रुपए जबकि पीएचडी की पढ़ाई कर रहे छात्रों को चार साल तक प्रतिमाह 8,000 रुपए की वित्तीय मदद दी जाती है.