नई दिल्ली : बीजेपी के वर्तमान अध्यक्ष अमित शाह के फिर अध्यक्ष बनने तक के लिए पार्टी और सरकार में तमाम बदलाव रुके हुए हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, कैबिनेट में भी बदलाव होने की पूरी-पूरी संभावना है।
इस साल पांच राज्यों में होने वाले चुनाव के मद्देनजर उम्मीद की जा रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पक्के इरादे से सरकार के कामकाज लोगों तक पहुंचाने में लगे रहेंगे और अपनी सरकार के लिए नए चेहरों की तलाश में हैं।
हालांकि चार प्रमुख मंत्रालय – गृह, वित्त, रक्षा और विदेश में कोई बदलाव की संभावना नहीं है। कहा जा रहा है कि बिहार चुनाव में मिली हार के बाद पीएम मोदी राज्य से मंत्रियों की संख्या में कमी कर सकते हैं। यह भी कहा जा रहा है कि कुछ मंत्रियों के विभाग में फेरबदल किया जा सकता है।
लेकिन, सूत्रों का कहना है कि यह सब तब होगा जब अमित शाह अपनी टीम को पुन: चुन लेते हैं। शाह का चुनाव सर्वसम्मति से होने की उम्मीद है। पार्टी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का कहना है कि जिस प्रकार से उन्होंने काम किया है, सभी चाहते हैं कि वे फिर से अध्यक्ष बनें।
सूत्र बता रहे हैं कि 2019 के चुनाव तक बीजेपी की कमान मौजूदा अध्यक्ष अमित शाह के ही हाथ में रहेगी। इस महीने के आखिर में अमित शाह का दोबारा बीजेपी अध्यक्ष चुना जाना तय है।
आरएसएस ने पहले ही अमित शाह के नाम पर हरी झंडी दे दी है। सूत्रों के मुताबिक़, आरएसएस चाहता है कि सरकार और संगठन के बीच बेहतर तालमेल के लिए ऐसा शख़्स अध्यक्ष हो जो पीएम का विश्वासपात्र हो।
अमित शाह फ़िलहाल राजनाथ सिंह के तीन साल के अध्यक्ष पद के कार्यकाल को संभाल रहे हैं, जोकि 23 जनवरी को पूरा हो रहा है। इस महीने के अंत में बीजेपी अध्यक्ष का चुनाव होना है। जनवरी तक 18 राज्यों में चुनाव हो पूरा हो जाएगा, तब जाकर राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव का रास्ता साफ़ हो जाएगा। बीजेपी के संविधान के मुताबिक़, राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले 50 फ़ीसदी राज्यों में चुनाव होना ज़रूरी है।