5 अप्रैल : मध्य प्रदेश के उज्जैन में दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेले सिंहस्थ महाकुंभ का आगाज हो गया है। मंगलवार की सुबह 10 बजे जूना अखाड़ा की प्रवेशाई नीलगंगा पड़ाव से शुरू हुई। प्रवेशाई में शंकराचार्य व 25 से ज्यादा महामंडलेश्वर शामिल हुए। ढोल-ढमाकों, हाथी-घोड़ों, ऊंट और वाहनों के लाव-लश्कर के साथ प्रवेशाई चल समारोह निकला। प्रवेशाई का मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान और धर्मस्व मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया स्वागत करेंगे।
सबसे आगे ‘दत्त प्रकाश भाला’
प्रवेशाई में जूना अखाड़े का निशान ‘दत्त प्रकाश भाला’ सबसे आगे चल रहा है। नगाड़े की थाप से प्रवेशाई आने की सूचना दी जा रही है। पालकी में भगवान दत्त विराजमान हैं। शाम करीब 4 बजे प्रवेशाई भूखी माता मंदिर के समीप स्थित अखाड़े के पड़ाव स्थल पर पहुंचेगी, जहां निशान और इष्टदेव दत्तात्रय की स्थापना व पूजा होगी।
दिखा वैराग्य का वैभव
जूना अखाड़ा की प्रवेशाई में वैराग्य का वैभव साफ नजर आ रहा है। आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरिजी खास मयूर रथ पर सवार हैं तो अन्य 25 से ज्यादा महामंडलेश्वर और मठाधीश भी चांदी के सिंहासनों पर विराजित हैं। 2 हाथी, 10 घोड़े, दो डीजे, 20 बैंड प्रवेशाई की शोभा बढ़ा रहे हैं। बैंड बाजों की धून पर प्रवेशाई में शामिल साधु-संत पूरे उत्साह में दिखाई दे रहे हैं।
सिंहस्थ की खास बातें-
– 22 अप्रैल से 21 मई तक चलेगा सिंहस्थ
– 5 करोड़ श्रद्धालु और 5 लाख साधु- संतों के शामिल होने का अनुमान
– तीन शाही स्नान होंगे। पहला 22 अप्रैल, दूसरा 9 मई और तीसरा 21 मई