November 24, 2024

नॉर्थ कोरियाई जेलों का डरावना सच

International Desk : यूएन की जनरल एसेंबली कमेटी ने नॉर्थ कोरिया में ह्यूमन राइट वॉयलेशन पर एक रिजोल्यूशन ड्राफ्ट पेश किया है। इसमें साफ शब्दों में किम जोन्ग उन और देश की लीडरशिप को लोगों के साथ दुर्व्यवहार के लिए सजा देने को कहा गया है। नॉर्थ कोरिया ह्यूमन राइट वॉयलेशन के लिए दुनियाभर में बदनाम है। यहां के लेबर कैम्प में कैदियों के साथ बेहद अमानवीय बिहेव किया जाता है।

छिपकली, चूहे, सांप खाने को मजबूर हैं कैदी…

– अगर फैमिली के किसी एक मेंबर ने भी क्राइम किया है, तो उसकी तीन पीढ़ियों को उम्रकैद भुगतनी पड़ सकती है।
– 2014 में यूएन कमीशन को लेबर कैम्प्स से बच निकले कुछ कैदियों ने यहां दी जाने वाली यातनाओं के बारे में खौफनाक खुलासा किया।
– इनमें हार्ड लेबर कराने, भूखा रखने, रेप, एग्जीक्यूशन के अलावा फीमेल कैदियों का जबरन अबॉर्शन और बच्चों की निर्मम हत्या शामिल है।
– रिपोर्ट के मुताबिक, 2014 तक देश में करीब 1,20,000 कैदी अलग-अलग लेबर कैम्प्स में बंद थे।
– एक अंदाजे के मुताबिक, पांच दशकों में यहां सैंकड़ों पॉलिटिकल कैदी मौत के घाट उतार दिए गए।

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दिन में 16 घंटे कैदियों से काम
– यहां के कैम्प नर्क से कम नहीं हैं। कैदियों को दिन के 14,15 या 16 घंटे काम करना पड़ता है।
– कैदियों से फील्ड वर्क कराने से लेकर जंगल में लकड़ी काटने, यहां तक कि खदानों में भी जबरन काम लिया जाता है।
– 2009 की रिपोर्ट के मुताबिक, लेबर कैम्प्स में कैदियों को खाने के नाम पर केवल सड़े हुए मकई के कुछ दानों का नमकीन सूप ही नसीब होता है।

चूहे, छिपकली, सांप तक खाने को मजबूर कैदी
– 90 के दशक में यहां भयंकर अकाल पड़ा था। तब खाने को कुछ नहीं था। लाखों लोग बेमौत मारे गए।
– शिन डॉन्ग ह्यूक, कैशन सिटी में मौजूद ‘कैम्प 14’ में जन्मी थी। खाने के अभाव के चलते उसने यहां छिपकली, सांप और चूहे से लेकर हर रेंगता जीव खाया था।
– उसने बताया, “कैम्प में ढेर सारे चूहे थे। उन्हें खाने के लिए कैदी झगड़ने लगते थे। लेकिन चूहों को खाने के लिए भी गार्ड्स की परमिशन लेनी पड़ती थी।”
– “अगर किसी ने बिना पूछे खा लिया, तो उनकी बेरहमी से पिटाई की जाती थी।”

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कैदियों की आपबीती
– महिला जेल से बच निकली जी हीऑन के मुताबिक, “यहां अकसर प्रेग्नेंट कैदियों के बच्चे गर्भ में ही मार दिए जाते हैं। पर एक ने जिंदा जन्म दिया। सब खुश थे। इतने में वहां गार्ड्स आ गए। फिर मां के सामने ही उसके बच्चे को पानी में डुबो कर मार डाला।”
– शिन डॉन्ग ह्यूक ने बताया, “मैं तब पांच साल की थी। मिलिट्री ने एक शख्स को लकड़ी के खंभे से बांधने के बाद उसकी गोली मारकर हत्या कर दी।”
– ‘कैम्प 15’ में दस साल कैद में रहने वाले कैन्ग श्यॉल क्वान ने कहा, “गार्ड्स ने करीब तीन हजार कैदियों को दो लोगों पर पत्थर बरसाने को कहा था। बॉडी के चिथड़े-चिथड़े हो गए, फिर भी मारने को कहा गया।”
– यूएन के मुताबिक, किम जोंग-II के एक फॉर्मर गार्ड ली यंग कुक को कैम्प-15 में दस साल की सजा सुनाई गई थी।
– पर उसने चीन भागने की कोशिश की। जिस रास्ते वह भागा था, उसे वहां से ट्रक के पीछे बांध कर घसीटकर लाया गया। इसके बाद उसे फांसी दे दी गई।