Poonam Chauhan/Alive News : डॉक्टर के इंतजार में अस्पताल में मरीजों का बुरा हाल हो रहा है लेकिन डॉक्टरों का कुछ पता ही नहीं। ऐसा एक नजारा एनआईटी-3 ईएसआइ अस्पताल में देखने को मिला। जहां डॉक्टर का इंतजार कर रही गर्भवती महिलाओं का सब्र का बांध टूटता दिखा लेकिन उनकी सुध लेने वाला वहां कोई मौजूद नहीं था। डॉक्टरों की हड़ताल के कारण मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन मरीजों के दर्द को समझने वाला यहां कोई नहीं है।
आपको बता दें, पांच दिन से ईएसआई मेडिकल कॉलेज अस्पताल के रेजीडेंट डॉक्टर हड़ताल पर हैं। ऐसे में अस्पताल की ओपीडी तथा आपातकालीन विभाग की व्यवस्था बुरी तरह से बिगड़ हुई है। सुबह से दोपहर तक अस्पताल में अव्यवस्था का माहौल देखने को मिल रहा है। ताज्जुब की बात है कि ईएसआई कॉरपोरेशन की ओर से आईपी, इंश्योर्ड पर्सन यानी बीमाकृत व्यक्ति को वीआइपी का दर्जा दिया जाता है। कारपोरेशन की ओर से होने वाले कार्यक्रमों में आईपी, हमारे लिए वीआइपी का नारा दिया जाता है। मगर पांच दिनों से कॉरपोरेशन के वीआइपी को सामान्य श्रेणी के मरीज की तरह भी इलाज नहीं मिल पा रहा है।
– गर्भवती महिलाएं परेशान
एनआइटी तीन ईएसआइ अस्पताल की हाई प्रेग्नेंसी यूनिट में दोपहर तक भी डॉक्टर वार्ड में नहीं पहुंचे और गर्भवती महिलाएं डॉक्टर का इंतजार करके परेशान थी। आपको बता दें यहां 4 कमरे हैं लेकिन सभी खाली रहते हैं।
– प्लास्टर कक्ष में लगी भीड़
डॉक्टरों के हड़ताल पर होने के कारण प्लास्टर कक्ष में भी कोई मरहम पट्टी करने वाला नहीं है और मरीजों की भीड़ लगी हुई थी, अस्तपाल में ना तो कोई डॉक्टर और ना ही कोई कर्मचारी मौजूद था। ऐसे में मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
– मरीज बोले
सैक्टर-21सी निवासी निलेश ने अस्पताल की अव्यवस्था पर रोष प्रकट करते हुए कहा कि वह अपनी गर्भवती पत्नी हेमा दुबे के साथ पिछले तीन दिन से यहां रोजाना आ रहा है, लेकिन डॉक्टर ही नहीं मिल रहे। जिससे उन्हें काफी परेशानी हो रही है उन्होंने अपनी समस्या डिप्टी डीन डॉ.ए.के पांडेय और डॉ.जसवंत को भी बताई। लेकिन उसके बाद भी उन्हे कोई राहत नहीं मिली। इसके अलावा प्लास्टर को लेकर संजय कॉलोनी निवासी रामेश्वर का कहना है कि 16 अक्टूबर को वह दुघर्टना में घायल हो गए थे और उनके पैर में चोट लग गई थी, तब उपचार हुआ लेकिन अब यहां कोई सुनवाई नहीं हो रही है। वहीं एनआइटी नंगला निवासी रघुङ्क्षवदर ने बताया कि वह पिछले कई घंटो से स्ट्रेचर पर लेटे हैं, लेकिन कोई पूछने वाला नहीं है जिससे परेशान होकर उसका बेटा भाग-दौड़ कर रहा है लेकिन यहां कोई सुनने वाला नहीं है।
– क्या कहते है विभागीय अधिकारी
डॉक्टर की हड़ताल खत्म हो चुकी है, थोड़ा सा वक्त लगेगा स्थिति को सुधारने में क्योंकि पिछले 5 दिनों से डॉक्टर हड़ताल पर थे, लेकिन अब स्थिति काबू में है और जल्द ही सब कुछ पहले जैसा हो जाएगा।
– डॉ.ए.के पांडेय, डिप्टी डीन, ईएसआई अस्पताल।