छोटीसादड़ी(राजस्थान) 5 अप्रैल : सोमवार को वह घड़ी बेहद दु:खद थी जब जैन समाज के पांच लोगों की एक साथ अर्थियां उठीं। हादसे में जान गवाने वालों के परिजन ही नहीं यात्रा को देखने वालों की आंखें भी नम हो गईं। नगर में कहीं भी सुबह चूल्हे नहीं जले। अर्थियों को छत और घरों के अहातों से देखतीं महिलाओं की रुलाई फूट पड़ी।
– दस साल के वंदन की मां राजबाला को परिवार वालों ने सुबह दस बजे तक पता नहीं चलने दिया कि उसका बेटा अब इस दुनिया में नहीं रहा।
– दोपहर ग्यारह बजे दादा और पोते का शव साथ में घर लाए तो राजबाला बेसुध हो गई।
– कुछ देर तो वह रो भी नहीं पाई। बाद में परिवार वालों ने कुछ कहा तो जोर-जोर से फफकने लगी।
– रिश्तेदार और पड़ोसी उसे बार-बार संभालते रहे, लेकिन वह बेसुध होती रही।
कैसे हुआ हादसा
छोटीसादड़ी में धोलापानी के सियाखेड़ी गांव के पास रविवार देर रात डंपर से टकराने से कार सवार दादा-पोते सहित जैन समाज के छह जनों की मौत हो गई। कार सवार लोग प्रतापगढ़ में भजन संध्या से घर लौट रहे थे। हादसा रात करीब सवा दो बजे कार ड्राइवर को झपकी आने से हुआ। टक्कर इतनी खतरनाक थी कि सभी की मौके पर ही मौत हो गई।
दादा-पोते का एक चिता पर अंतिम संस्कार
– हादसे का शिकार बने मृतकों के शव सुबह छह बजे तक एक-एक कर नगर के अस्पताल में लाते जाते रहे।
– यहां से पोस्टमार्टम के बाद परिवार वाले शवों को एक-एक कर ही घर ले गए।
– नेमीचंद की बेटी मुंबई में है, उसे आने में देर होने पर शेष पांचों लोगों की अर्थियां अलग-अलग मोहल्लों से दोपहर करीब एक बजे साथ में उठीं।
– सदर बाजार में जैन मंदिर से ये श्मशान पर एक साथ पहुंचाई गईं।
– दादा गेंदमल और पोते वंदन का एक अर्थी पर जबकि अन्य का अलग-अलग दाह संस्कार किया गया।
चचेरे भाई थे विनोद और सुनील :विनोद दक, सुनिल दक चचेरे भाई थे। इन दोनों के साथ नेमीचंद जैन महावीर इंटरनेशनल के सदस्य थे। अभय कुमार नागोरी शिक्षक थे। वे समाजसेवा में भी आगे रहते थे। गेंदमल तेजीवत किराणा का व्यवसाय करते थे। सुनील बर्तन व्यापारी और विनोद पेंटिंग का काम करता था।
दादा के साथ कार में ही जाने की जिद पर अड़ गया था वंदन
प्राइवेट स्कूल में सातवीं का छात्र वंदन (10) तेजीवत घर ही नहीं पड़ोसियों का भी लाड़ला था। शनिवार शाम को नगर के कई लोग भजन संध्या में बस से प्रतापगढ़ गए। वंदन ने दादा गेंदमल के साथ कार में ही जाने की जिद की। इस पर उसे भी साथ बैठा लिया। गेंदमल सामाजिक समारोह में जहां भी जाते, वंदन को साथ ले जाते थे।
तीन जेसीबी मशीनें लगाई, फंसे शवों को निकालने में दो घंटे लगे
पुलिस को हादसे की सूचना घटनास्थल के पास रहने वाले एक व्यक्ति ने कुछ ही समय बाद दे दी थी। कार डंपर में ऐसी बुरी फंसी कि शवों को निकालने के लिए पुलिस को तीन जेसीबी मशीनें बुलवानी पड़ी। डिप्टी ओमप्रकाश उपाध्याय ने बताया कि रात तीन बजे डंपर में फंसी कार को निकालने की कवायद शुरू हुई, जो सुबह 5 बजे तक चली। कार बुरी तरह पिचक गई थी। इसमें फंसे शवों का हाल भी ऐसा ही था। फंसे शवों को धीरे-धीरे बाहर निकाला गया।
शवयात्रा में उमड़े लोग, जनप्रतिनिधि भी हुए शामिल
अंतिम संस्कार में चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी, प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष उदयलाल आंजना, पूर्व विधायक अशोक नवलखा, भाजपा जिलाध्यक्ष धनराज शर्मा, डालचंद जणवा, परिषद सभापति कमलेश डोसी, प्रधान महावीरसिंह कृष्णावत, उपप्रधान रमेश गोपावत निम्बाहेड़ा पालिकाध्यक्ष शंकरलाल राजोरा, पारसमल पारख, एसडीएम वंदना खोरवाल पहुंची।