Health/Alive News : बढ़ती उम्र के साथ शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं। उम्र बढ़ने के साथ हड्डियों और जोड़ों का लचीलापन कम हो जाता है, जिससे गठिया (अर्थराइटिस), ऑस्टियोपोरोसिस और अन्य समस्याएं हो सकती हैं। इनमें जोड़ों का दर्द एक आम समस्या है। हालांकि, कुछ सावधानियां और हेल्दी आदतें अपनाकर जोड़ों के दर्द से बचा जा सकता है। आइए जानते हैं बढ़ती उम्र में जोड़ों के दर्द की समस्या से बचने के लिए 3 आसान उपाय।
हेल्दी डाइट लें और पोषण पर ध्यान दें-
जोड़ों को मजबूत और स्वस्थ रखने के लिए पोषण सबसे जरूरी है। कैल्शियम, विटामिन-डी, ओमेगा-3 फैटी एसिड और एंटीऑक्सीडेंट्स जैसे पोषक तत्व हड्डियों और जोड़ों के लिए बेहद जरूरी हैं।
कैल्शियम से भरपूर डाइट- दूध, दही, पनीर, हरी पत्तेदार सब्जियां, बादाम और तिल जैसे फूड आइटम्स से कैल्शियम की कमी दूर होती है, जो हड्डियों को मजबूत बनाता है।
विटामिन-डी- विटामिन-डी कैल्शियम के अब्जॉर्प्शन में मदद करता है। सुबह की धूप लेना, अंडे की जर्दी, मछली और फोर्टिफाइड दूध इसके अच्छे सोर्स हैं।
ओमेगा-3 फैटी एसिड- यह जोड़ों की सूजन को कम करता है। अखरोट, फ्लैक्ससीड्स, सालमन मछली और चिया सीड्स में ओमेगा-3 भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
हाइड्रेशन- भरपूर मात्रा में पानी पीने से जोड़ों का लुब्रिकेशन बना रहता है, जिससे दर्द कम होता है।
नियमित एक्सरसाइज और फिजिकल एक्टिविटी-
बढ़ती उम्र में फिजिकल एक्टिविटीज कम हो जाती हैं, जिससे जोड़ों में अकड़न और दर्द बढ़ सकता है। नियमित एक्सरसाइज जोड़ों को फ्लेक्सिबल बनाए रखने में मदद करती है।
योग और स्ट्रेचिंग- सुबह-शाम योगासन करने से जोड़ों का लचीलापन बढ़ता है। ताड़ासन, भुजंगासन और वज्रासन जैसे आसन फायदेमंद हैं।
लो-इम्पैक्ट एक्सरसाइज- स्विमिंग, साइकिलिंग और पैदल चलना जोड़ों पर ज्यादा दबाव नहीं डालते, लेकिन उन्हें मजबूत बनाते हैं।
वेट ट्रेनिंग- हल्के वजन उठाने से मांसपेशियां मजबूत होती हैं, जिससे जोड़ों पर दबाव कम पड़ता है।
वॉर्म-अप और कूल-डाउन- किसी भी एक्सरसाइज से पहले वॉर्म-अप और बाद में स्ट्रेचिंग जरूर करें, ताकि मांसपेशियों और जोड़ों में चोट न लगे।
वजन कंट्रोल और सही पोश्चर-
ज्यादा वजन होने से जोड़ों, खासकर घुटनों और कूल्हों पर एक्स्ट्रा दबाव पड़ता है, जिससे दर्द और घिसावट की समस्या हो सकती है।
वजन कम करें- हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज से वजन कंट्रोल होता है।
सही पोश्चर- लंबे समय तक एक ही पोजीशन में बैठने या खड़े होने से बचें। कुर्सी पर बैठते समय पीठ सीधी रखें और नियमित ब्रेक लें।
आरामदायक जूते पहनें- ऊंची एड़ी या टाइट जूते पहनने से जोड़ों पर दबाव पड़ता है। आरामदायक और सपोर्टिव फुटवियर पहनें।