Environment/Alive News Special: इस साल दुनियाभर के अधिकांश देश भीषण गर्मी से परेशान हैं। जिन देशों और राज्यों को ठंडी जगह माना जाता था, वहां पर भी तापमान बढ़ रहा है। इसकी सबसे बड़ी वजह वैश्विक रूप से जंगलों की कटाई है। आज यानी 22 जून के दिन विश्व वर्षावन दिवस मनाया जाता है। यह दिन दुनियाभर में वर्षावनों के महत्व के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देता है। आज धरती पर स्वच्छ पानी, हवा और ऑक्सीजन अगर इंसानों तक पहुंच रहा है, तो ये घने जगलों के कारण ही संभव है। लेकिन लगातर इनकी कमी के कारण आज दुनिया ग्लोबल वार्मिंग से जूझ रही है। एक्सपर्ट के मुताबिक अभी पेड़-पौधों का संरक्षण करके इसके असर को कम किया जा सकता है।
विश्व वर्षावन दिवस-
धरती पर जीवन के लिए इंसानों और सभी जीव जंतुओं को ऑक्सीजन की जरूरत होती है। लेकिन अब सवाल ये है कि धरती पर मौजूद सभी जीव-जंतुओं को ऑक्सीजन कहां से मिलेगा। दुनियाभर में मौजूद वर्षावन के कारण ही आज इंसानों और जीवों तक ऑक्सीजन पहुंच रहा है। हर साल दुनियाभर के लोग विश्व वर्षावन दिवस मनाते हैं। जिसके जरिए वो वर्षावनों के महत्व और उनकी संरक्षण की जरूरत के बारे में लोगों में जागरूकता फैला सके।
विश्व वर्षावन दिवस की शुरूआत-
हर साल 22 जून का दिन विश्व वर्षावन दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन की शुरूआत रेनफॉरेस्ट पार्टनरशिप नामक एक संस्था द्वारा किया गया था। इसके बाद पहली बार 2017 में इसे दुनियाभर के अधिकांश देशों में मान्यता मिली थी। पहला विश्व वर्षावन दिवस 22 जून, 2017 को मनाया गया था, जब ऑस्टिन, टेक्सास में स्थित एक गैर-लाभकारी पर्यावरण संगठन रेनफॉरेस्ट पार्टनरशिप ने वैश्विक कार्यक्रम शुरू किया था। इस पहल का उद्देश्य वर्षावनों के महत्व और उसके अमूल्य योगदान के बारे में जागरूकता बढ़ाना था। वर्ष 2021 में सभी क्षेत्रों के लोगों और संगठनों को एक साथ लाने के उद्देश्य से विश्व वर्षावन दिवस शिखर सम्मेलन शुरू किया गया था।