October 3, 2024

नागरिक अस्पताल में मनाया गया विश्व अल्जाइमर दिवस

Palwal/Alive News : सिविल सर्जन डा. ब्रह्मदीप ने बताया कि आज नागरिक अस्पताल के प्रांगण में विश्व अल्जाइमर दिवस को मनाया गया। जिला मानसिक स्वाथ्य की टीम द्वारा इस संबंध में एक कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम में मेडिकल सुपरिडेंट डा. लोकवीर, डॉ अजय माम, डिप्टी सिविल सर्जन व सभी मेडिकल ऑफिसर शामिल हुए।

डॉ ब्रह्मदीप ने बताया की यह बीमारी एक उम्र के बाद लोगों में होने लगती है, ये एक मस्तिष्क से जुड़ी बीमारी है, जिसमें व्यक्ति धीरे-धीरे अपनी याददाश्त खोने लगता है। इस बीमारी में व्यक्ति छोटी से छोटी बात को भी याद नहीं रख पाता है। ऐसे बुजुर्गों की तादाद बढ़ रही है। इसीलिए इस बीमारी की जद में आने से बचाने के लिए हर साल 21 सितम्बर को विश्व अल्जाइमर्स-डिमेंशिया दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य जागरूकता लाना है ताकि घर-परिवार की शोभा बढ़ाने वाले बुजुर्गों को इस बीमारी से बचाकर उनके जीवन में खुशियां लायी जा सके।

सिविल सर्जन ने बताया की हर बार यह दिवस एक थीम के साथ मनाया जाता है और इस बार का थीम है मनोभ्रंश को जानो, अल्जाइमर को जानो। भारत में 80 प्रतिशत तक आबादी को इसके लक्षणों या बीमारी के बारे में पता नहीं है। चिकित्सा स्वास्थ्य सुविधाओं तक खराब पहुंच का मतलब है कि अल्जाइमर से पीडि़त लगभग 90 प्रतिशत रोगी किसी भी उचित चिकित्सा उपचार के अधीन नहीं हैं। अन्य कारकों में वित्तीय सहायता की कमी, निर्णय का डर और परिवार के समर्थन की कमी शामिल है।

उन्होंने आगे बताया कि अमूमन 65 साल की उम्र के बाद लोगों में यह बीमारी देखने को मिलती है. मस्तिष्क में प्रोटीन की संरचना में गड़बड़ी होने के कारण इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। जब यह बीमारी अत्यधिक बढ़ जाती है तो व्यक्ति को लोगों के चेहरे तक याद नहीं रहते हैं, अभी तक इस बीमारी का कोई सटीक इलाज नहीं मिला है।

डॉ. सिंधु ने बताया कि इस भूलने की बीमारी पर नियंत्रण पाने के लिए जरूरी है कि शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के साथ ही मानसिक रूप से अपने को स्वस्थ रखें। नकारात्मक विचारों को मन पर प्रभावी न होने दें और सकारात्मक विचारों से मन को प्रसन्न बनाएं। पसंद का संगीत सुनने, गाना गाने, खाना बनाने, बागवानी करने, खेलकूद आदि जिसमें सबसे अधिक रुचि हो, उसमें मन लगायें तो यह बीमारी नहीं घेर सकती।उन्होंने हेल्दी लाइफ स्टाइल और नशे से दूरी जैसे एहतियात बरतकर अल्जाइमर और डिमेंशिया से बचा जा सकता है।