November 16, 2024

इस बिजनेसमेन से परेशान थे उनके वर्कर्स, जिंदा जलाकर खा गए थे लाश

नई दिल्ली : असम में बोडो उग्रवादी अक्सर व्यापारियों को पैसे के लिए परेशान करते थे। इन्हीं में एक चाय बगान के मालिक मृदुल भट्टाचार्य भी थे जिनसे उग्रवादियों ने 300 करोड़ रुपए और सोने की मांग की थी। मृदुल ने सभी पैसे और सोना जमीन में गाड़ दिया था ताकि मौका आने पर निकालकर उग्रवादियों को दिया जा सके। इससे पहले ही उनको मार दिया गया। इतना ही नहीं कहा जाता है कि उसकी लाश को खा गए थे। बाद में सारा खजाना चोरी हो गया। हाल ही में इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर केंद्र सरकार, असम सरकार और असम के डीजीपी को नोटिस जारी कर छह हफ्ते में जवाब मांगा है।

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– मृदुल कुमार भट्टाचार्य एमकेबी (एशिया) प्राइवेट लिमिटेड के फाउंडर थे. असम टी गार्डन एसोसिएशन के प्रेसीडेंट थे। उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी।
– उनका परिवार 1880 से चाय उगाने में लगा था। उनके परदादा ने अंग्रेजों के टाइम ये काम शुरू किया था। उनका रानी टी स्टेट के नाम से प्लांट है।
– मृदुल ने केवल चाय ही नहीं बल्कि मल्टी- क्रॉपिंग के फील्ड में भी काम कर रहे थे। जहां वह संतरे, चावल, काली मिर्च, अदरक वगैरह भी उगाते थे।
– इसके अलावा वह और उनकी पत्नी रीता मिलकर बायोडायनेमिक फार्मिंग और रीन्यूएबल एनर्जी के लिए काम कर रहे थे।
– मृदुल को एक ऐसे शख्स के तौर पर जाना जाता था जिन्होंने कभी उग्रवादी संगठन उल्फा के सामने घुटने नहीं टेके थे।

ऐसे पता चला खजाने के बारे में

– ढाई साल पहले जब उनकी मौत की जांच चल रही थी तब खुफिया विभाग के अधिकारी मनोज कौशल को इस खजाने का पता चला।
– इसके अलावा वो जगह भी मिल गई, जहां पर बोडो उग्रवादियों के लिए खजाना छुपाया गया था। ऐसे में खुफिया विभाग का अधिकारी होने के नाते उन्होंने ये बात सेना के अधिकारियों को बताई।
– सेना वालों ने तय किया कि वो 1 जून 2014 को उस जगह खुदाई करेंगे और खजाना निकाल लेंगे। मगर यह सूचना लीक हो गई। 30 मई की रात को ही उस जगह पर खुदाई करके सारा खजाना चुरा लिया।

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नहीं लिया गया कोई एक्शन
– मनोज कौशल को पता चला तो इस मामले में शामिल अधिकारियों की जांच की। उन पर एक्शन लेने के लिए कई बड़े अफसरों से शिकायत की।
– लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया गया। आखिर में मनोज हारकर कोर्ट पहुंच गए। मनोज कौशल ने मांग की कि केंद्र सरकार को कहें कि इस पूरे मामले की हाई लेवल पर जांच हो।
– जिनने जानकारी लीक कर दी उनके अगेंस्ट एक्शन लिया जाए। गायब सोने का पता लगाकर उसे भारत सरकार के खजाने में जमा कराया जाए।
– सुनवाई में चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने कहा ये बहुत सीरियस मामला है। अब 6 हफ्ते बाद इस मामले में सुनवाई होगी तो पता लगेगा कि खजाना मिला कि नहीं और सरकारों ने क्या जवाब दिया है।