Faridabad/Alive News: डीसी विक्रम सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योग उन्नयन योजना (पीएमएफएमई) बेरोजगार लोगों को स्वरोजगार से जोडऩे में मददगार साबित होती जा रही है। इस योजना के अंतर्गत उद्यमियों को तकनीकी ज्ञान, कौशल प्रशिक्षण और हैंड होल्डिंग सहायता सेवाओं के माध्यम से क्षमताओं का निर्माण किया जा रहा है। वहीं सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के उद्यमियों को ऋण प्रदान कराया जा रहा है, जिससे वो अपनी तकनीकी व्यवस्था को सुधार सके।
डीसी विक्रम ने यह जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री कौशल विकास जैसी कई ऐसी योजनाएं है जिनके जरिए नागरिकों को तमाम तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। इनमें एक पीएमएफएमई योजना भी है। इस पीएमएफएमई योजना के तहत व्यक्तिगत तौर पर पुरूष व महिला, किसान उत्पादन संगठन, स्वयं सहायता समूह व सहकारी समिति ऋण योजनाओं का लाभ ले सकते हैं।
डीसी विक्रम सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में सरकार की ओर से सूक्ष्म उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए एक करोड़ रुपए तक का ऋण दिया जाता है, जिसमें 35 प्रतिशत सब्सिडी का प्रावधान है।
डीसी विक्रम सिंह ने बताया कि आवेदक की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए और कम से कम आठवीं कक्षा उत्तीर्ण शैक्षिक योग्यता होनी चाहिए। इस योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया जाता है। उन्होंने बताया कि इस योजना से संबंधित अधिक जानकारी के लिए एमएसएमई सेंटर से संपर्क किया जा सकता है। उन्होंने आगे बताया कि स्वयं सहायता समूह को मशीन की खरीद के लिए प्रत्येक सदस्य के हिसाब से 40 हजार रुपये की राशि प्रदान की जा रही है। वहीं बुनियादी ढांचा खड़ा करने के लिए 35 प्रतिशत अनुदान पर ऋण उपलब्ध करवाया जाता है।
बता दें कि खाद उद्योग के लिए बेकरी, आटा मिल, सरसों तेल मिल, मसाले, मिठाई, जूस, पेठा, पापड़, फरूट, जैम, शहद, मशरूम, बिस्किट, केक, पिज़्ज़ा, टमाटर सॉस, चिप्स, नमकीन, गजक, गुड़, आचार आदि से संबंधित खाद्य पदार्थ को बनाने व उत्पादन की यूनिट लगाई जा सकती है।