London/Alive News : वर्ल्डकप खिताब के बेहद नजदीक पहुंचकर भी मिताली राज की भारतीय टीम खिताब से दूर रह गई. इंग्लैंड ने रोमांच से भरे फाइनल मुकाबले में भारत को 9 रन से हराकर वर्ल्डकप चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया. दूसरी ओर, दूसरी बार फाइनल में पहुंची भारतीय टीम को एक बार फिर उपविजेता रहकर संतोष करना पड़ा. मैच में एक समय भारतीय टीम मजबूती से जीत की ओर बढ़ रही थी, लेकिन आखिरी क्षणों की विकेट की पतझड़ टीम पर भारी पड़ी. मैच में पहले बैटिंग करते हुए इंग्लैंड टीम ने नताली शिवर के 51 और सारा टेलर के 45 रन की मदद से निर्धारित 50 ओवर में 7 विकेट पर 228 रन का स्कोर बनाया. जवाब में लक्ष्य का पीछा भारतीय टीम ने मजबूती के साथ किया. पूनम राउत (86) और हरमनप्रीत (51)ने अर्धशतकीय पारी खेली. एक समय टीम का स्कोर तीन विकेट पर 191 रन था, लेकिन इसके बाद विकेटों की पतझड़ का दौर शुरू हो गया और टीम 219 रन बनाकर ढेर हो गई.
दूसरे ही ओवर में लगा भारत को पहला झटका
इंग्लैंड के स्कोर के जवाब में भारतीय पारी की शुरुआत पूनम राउत और स्मृति मंधाना ने की, लेकिन पारी के दूसरे ही ओवर में भारतीय टीम को स्मृति मंधाना (0) का विकेट गंवाना पड़ा. स्मृति को आन्या श्रुबशोल ने बोल्ड किया. पहला विकेट 5 रन के स्कोर पर गिरा. भारतीय पारी का पहला चौका, चौथे ओवर में पूनम राउत ने लगाया. पारी के आठवें ओवर में पूनम ने श्रुबशोल की गेंद पर छक्का भी लगाया. 10 ओवर के बाद टीम का स्कोर एक विकेट खोकर 31 रन था. पारी के 11वें ओवर में पूनम और मिताली ने एक-एक चौका लगाया. इस ओवर में 10 रन बने. पूनम और मिताली की जोड़ी जब सेट होती लग रही थी तभी पारी के 13वें ओवर में मिताली (17 रन, तीन चौके) को रन आउट होना पड़ा. दूसरा विकेट 43 के स्कोर पर गिरा.
अर्धशतक बनाकर आउट हुईं हरमनप्रीत
20 ओवर के बाद भारतीय टीम का स्कोर दो विकेट पर 69 रन था. इस ओवर में 10 रन बने, जिसमें हरमनप्रीत की ओर से लगाया गया छक्का शामिल था. हरमनप्रीत ने इसके बाद हार्टले की गेंद पर पारी के 23वें ओवर में फिर छक्का लगाया. इस ओवर में 9 रन बने. पूनम राउत भी उनके आदर्श जोड़ीदार की भूमिका निभाते हुए इंग्लैंड की मुश्किलें बढ़ाने में कोई कसर बाकी नहीं रख रही थीं. 25 ओवर के बाद भारतीय टीम का स्कोर दो विकेट पर 92 रन था. भारतीय टीम के 100 रन 26.1 ओवर में पूरे हुए. 30वें ओवर में पूनम राउत ने जिम्मेदारी से भरा अर्धशतक पूरा किया. इस दौरान उन्होंने 75 गेंदों का सामना करके दो चौके और एक छक्का लगाया. इसके थोड़ी ही देर बाद हरमनप्रीत ने भी अपना अर्धशतक पूरा किया. इस दौरान उन्होंने 78 गेंदों का सामना करके तीन चौके और दो छक्के लगाए. जब यह जोड़ी भारत को जीत तक पहुंचाती लग रही थी तभी टीम को हरमनप्रीत का विकेट गंवाना पड़ा. उन्हें 51 रन (तीन चौके, दो छक्के) के निजी स्कोर पर हार्टले ने ब्युमोंट के हाथों कैच कराया. तीसरा विकेट 138 रन के स्कोर पर गिरा. पूनम-हरमनप्रीत के बीच तीसरे विकेट के लिए 95 रन की साझेदारी हुई. पारी के 38वें ओवर में वेदा कृष्णमूर्ति को जीवनदान मिला जब जेनी गुन की गेंद पर कप्तान नाइट ने कैच छोड़ दिया. जवाब में 40 ओवर के बाद भारतीय टीम का स्कोर तीन विकेट खोकर 173 रन था. शेष 10 ओवर में टीम को जीत के लिए 56 रन की जरूरत थी.
पूनम के आउट होते ही विकेटों की पतझड़ शुरू
पारी के 38वें ओवर में वेदा कृष्णमूर्ति को जीवनदान मिला, जब जेनी गुन की गेंद पर कप्तान नाइट ने कैच छोड़ दिया. ऐसे समय जब भारतीय टीम जीत की ओर मजबूती से बढ़ती नजर आ रही थी, पूनम राउत (86) और सुषमा वर्मा (0) के आउट होने से मैच में रोमांच वापस लौटने लगा. पूनम जहां एलबीडब्ल्यू आउट हुईं वहीं सुषमा को हार्टले ने बोल्ड किया. भारत का चौथा विकेट 191 और पांचवां 196 के स्कोर पर गिरा. इसके बाद वेदा कृष्णमूर्ति (35) और झूलन गोस्वामी भी बिना कोई रन बनाए आउट हो गईं. 11 रन के अंदर भारत ने चार विकेट गंवा दिए और टीम मुश्किल में फंस गई. विकेट की पतझड़ का यह सिलसिला आगे भी जारी रहा. टीम के अगले तीन विकेट शिखा पांडे (4), दीप्ति शर्मा (14) और राजेश्वरी (0) के रूप में गिरे. देखते ही देखते तीन विकेट पर 191 रन की स्थिति में बेहद मजबूत नजर आ रही भारतीय टीम 48.4 ओवर में 219 रन बनाकर आउट हो गई. इंग्लैंड के लिए आन्या श्रुबशोल ने सर्वाधिक छह विकेट लिए.
भारत के विकेटों का पतन : 5-1 (स्मृति, 1.4), 43-2 (मिताली, 12.1), 138-3 (हरमनप्रीत, 33.3), 191-4 (पूनम राउत, 42.5), 196-5 (सुषमा, 43.3), 200-6 (वेदा, 44.4), 201-7 (झूलन, 44.6), 218-8 (शिखा, 47.3), 218-9 (दीप्ति, 48.1), 219-10 (राजेश्वरी, 48.4)