Faridabad/Alive News : नारी वह शक्ति है जो माता के रूप में संतान को नर से नारायण बना सकती है। देव शक्तियां वहीं निवास करती हैं, जहां पर समस्त नारी जाति को प्रतिष्ठा व सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। उक्त विचार पूज्य दीदी साध्वी ऋतम्भरा ने राष्ट्र सेविका समिति की सेविकाओं को सम्बोधित करते हुए आज सेक्टर-28 स्थित वात्सल्य सेवा धाम में व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि कोई भी परिवार, समाज अथवा राष्ट्र तब तक सच्चे अर्थों में प्रगति की ओर अग्रसर नहीं हो सकता जब तक वह नारी के प्रति भेदभाव, निरादर अथवा हीनभाव का त्याग नहीं करता है। प्राचीन काल में समाज में किसी भी विशिष्ट कार्य के संपादन में नारी की उपस्थिति महत्वपूर्ण समझी जाती थी। कालांतर में देश पर हुए अनेक मुगल आक्रमणों के पश्चात् भारतीय नारी की दशा में भी परिवर्तन आने लगे।
नारी की स्वयं की विशिष्टता एवं उसका समाज में स्थान हीन होता चला गया। अंग्रेजी शासनकाल के आते-आते भारतीय नारी की दशा अत्यंत चिंतनीय हो गई। उसे अबला की संज्ञा दी जाने लगी तथा दिन-प्रतिदिन उसे उपेक्षा एवं तिरस्कार का सामना करना पड़ा ।
लेकिन अब राष्ट्र सेविका समिति की बहनें नारी शक्ति को एकत्र कर न केवल नारी स्वाभिमान को जागृत कर रही हैं बल्कि मातृशक्ति जागरण के माध्यम से अपने राष्ट्र को जगतगुरु के स्थान पर सुशोभित करने का कार्य भी कर रही हैं। इस अवसर पर राष्ट्र सेविका समिति दिल्ली एवं हरियाणा प्रांत धार्मिक विभाग की प्रचारिका सुश्री तारा, सह प्रान्त कार्यवाहिका रजनी गुलाटी, नगर कार्यवाहिका सुषमा सहित अनेक सेविकाएं व शहर के अनेक गणमान्य नागरिक भी उपस्थित थे।