November 18, 2024

संसद सत्र में किसानों की आवाज को बुलंद तरीके से उठायेगें : डा सुशील गुप्ता

New Delhi/Alive News : संसद पटल पर कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में आम आदमी पार्टी के सभी सांसद उनकी बात रखने से पीछे नहीं हटेगें। आप के राज्यसभा सांसद व हरियाणा सहप्रभारी डा सुशील गुप्ता ने कहा है कि तीनों कृषि कानूनों के विरोध में 19 जुलाई से शुरू हो रहे मानसून सत्र में पार्टी के सभी सांसद मौजूद रहेंगे। जहां वह किसानों के मुद्दों को प्रमुखता से उठाएंगे। उन्होंने कहा कि आप पहले भी किसानों के साथ थी और आगे भी रहेगी। दूसरा बेरोजगार महंगाई पेट्रोल डीजल के बढ़ते दाम पर भी पार्टी अपनी बात संसद तक पहुंचाएगी आगामी मानसून सत्र सोमवार 19 अगस्त 2021 से शुरू होने जा रहा है।

आज जारी एक बयान में डा गुप्ता ने कहा कि आम आदमी पार्टी शुरू से ही किसानों की आवाज को बुलंद करती आई है और इस संसद सत्र के दौरान भी जोर-शोर से किसानों के मुद्दे उठाएगी। उन्होंने कहा कि सांसद होने के नाते हमारा यह फर्ज बनता है कि अन्नदाता की आवाज मोदी सरकार के कानों तक पहुंचाई जाए और इन कृषि कानूनों को रद्द करने की गुहार लगाई जाए।

उन्होंने विरोधी दलों के सभी संसद सदस्यों से अनुरोध करते हुए कहा कि उनको ऐसे नाजुक समय के दौरान किसानों का साथ देना चाहिए। उन्होंने वादा किया कि वह इस संबंध में सभी विरोधी पक्ष के संसद सदस्यों को भी जागरूक करने का प्रयास करेंगे। उन्होंने इस सत्र के दौरान किसानी के साथ संबंधित कई सवाल भी दाखिल किए हुए हैं और लोकसभा के स्पीकर की इजाजत के साथ वह किसानों के सवाल भी उठाएंगे। डा गुप्ता ने मोदी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यह अति दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश का किसान अपनी जायज मांगों को मनवाने के लिए भी पिछले करीब एक साल से सड़कों पर है। उनकी बात सरकार सुनने को तैयार तक नहीं है। जबकि मोदी जी कहते है कि वह एक फोन की दूरी पर है। मगर फोन नंबर आज तक नहीं बताया।

इसके अलावा वह फरीदाबाद में खोरी गांव के तोडे जाने से बेघर हुए 1 लाख लोगों के पुर्नवास को लेकर भी संसद में अपनी बात रखेंगें। उन्होंने कहा कि सरकार कहती आई है कि किसी को भी उजाडा नहीं जाएगा। अगर ऐसा होता है तो उनके पुर्नवास की जिम्मेदारी वहां की सरकार की होगी। मगर दिल्ली से सटी हरियाणा सर खोरी गांव के लोगों को लगभग उजाड चुकी है। ऐसे में वहां रहने वाले लोगों का का पुर्नवास कौन करेगा, यह बात भी वह संसद के पटल में उठायेंगे।