December 25, 2024

पुरानी पैंशन स्कीम के तहत कर्मचारियों को पैंशन क्यों नहीं?

Faridabad/Alive News : एनडीए सरकार द्वारा मजदूर एवं कर्मचारी विरोधी नीतियों को तेज गति से लागू करने के खिलाफ अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ व देश की सभी ट्रेड यूनियनों के आहवान पर 9 नवंबर से 11 नवंबर तक संसद पर दिए जाने वाले महापड़ाव में प्रदेश की पालिका परिषद और निगमों के सभी 80 शहरों के कर्मचारी बढ़ चढक़र हिस्सा लेंगे। यह आह्वान शुक्ररवार को प्रैस को जारी बयान में नगरपालिका कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री ने किया।

शास्त्री ने कहा कि देश की सत्ता में भारतीय जनता पार्टी बेरोजगारों को रोजगार देने, महंगाई कम करने, भ्रष्टाचार पर रोक लगाने, सबका साथ सबका विकास करने, काला धन वापस लाने आदि लोक लुभावने नारे देकर सत्ता में आई थी लेकिन सत्ता में आने के बाद एनडीए-2 की सरकार अपने वायदों को पूरा करने में पूर्णतया विफल रही है। वहीं श्रम कानूनों में सुधार करने के नाम पर मजदूरों के हित में बनाए गए कानूनों को समाप्त कर उद्योगपतियों के हित में कानून बनाने का प्रस्ताव संसद में लाना चाहती है। सरकार के इस कदम से देश के सभी मजदूर एवं कर्मचारियों में भारी आक्रोश है इसलिए देश की बड़ी ट्रेड यूनियनों ने यह फैसला लिया है कि सरकार की कर्मचारी एवं मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ संसद पर महापड़ाव डाला जाएगा।

संघ के राज्य प्रधान नरेश कुमार शास़्त्री ने कहा है कि देश में दो कानून नहीं हो सकते। जब विधायक और सांसदों को पुरानी पैंशन के तहत पैंशन दी जा सकती है तो 2006 के बाद लगे पुरानी पैंशन स्कीम के तहत कर्मचारियों को पैंशन क्यों नहीं दी जा सकती। इतना ही नहीं सरकार ने न्यू पेंशन स्कीम लागू कर कर्मचारियों के हितों पर कुठाराघात किया है।