महात्मा गांधी भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख नेता थे। भारत की आजादी में गांधी जी ने बेहद अहम भूमिका निभाई थी। देश की आजादी के लिए गांधी जी कई बार जेल भी गए थे। गोडसे ने 30 जनवरी 1948 को बापू का सीना उस वक्त छलनी कर दिया जब वे दिल्ली के बिड़ला भवन में शाम की प्रार्थना सभा से उठ रहे थे। गोडसे ने बापू के साथ खड़ी महिला को हटाया और अपनी सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल से एक के बाद एक तीन गोली मारकर उनकी हत्या कर दी।
महात्मा गांधी की शवयात्रा को आजाद भारत की सबसे बड़ी शवयात्रा कहा जाता है। गांधी जी को अंतिम विदाई देने के लिए करीब दस लाख लोग साथ चल रहे थे और 15 लाख लोग रास्ते में खड़े थे। हर साल इस दिन राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और तीनों सेना के प्रमुख राजघाट स्थित महात्मा गांधी की समाधि पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं। साथ ही सेना के जवान इस मौके पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देते हुए उनके सम्मान में अपने हथियार को नीचे छुकाते हैं।
इस मौके पर पूरे देश में महात्मा गांधी समेत अन्य शहीदों की याद में दो मिनट का मौन रखा जाता है। इस दौरान विशेष तौर पर सभी धर्म के लोग प्राथना का भी आयोजन कराते हैं। 30 जनवरी के अलावा 23 मार्च को भी शहीद दिवस मनाया जाता है। 23 मार्च के दिन ही भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू को फांसी दी गई थी। इसीलिए 23 मार्च को भी शहीद दिवस मनाया जाता है।