November 18, 2024

जानिए, आखिर शुक्रवार को ही क्यों रिलीज होती है फिल्में

फिल्मों के शौकीन तो लगभग सभी हैं. सितारों से सजी फिल्में देखने का शौक हर किसी को होता है, लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है कि आखिर हर शुक्रवार को ही कोई भी फिल्म बड़े पर्दे पर क्यों रिलीज की जाती है? कभी आपके ये सोचा कि शुक्रवार ही क्यों ? किसी और दिन क्यों नहीं…

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दरअसल यह सिलसिला आज से नहीं करीब 1960 से चला आ रहा है. लोगों का मानना है कि बॉलीवुड ने यह चलन हॉलीवुड से चुराया गया है. हॉलीवुड की मशहूर फिल्म ‘Gone With The Wind’ 15 दिसम्बर 1939 में फ्राइडे को रिलीज हुई थी और तब से वहां पर हर मूवी फ्राइडे को ही रिलीज होती है. हालांकि फिल्म का प्रीमियर गुरुवार को होता है.

हॉलीवुड भले ही अपनी फिल्में शुक्रवार को पर्दे पर रिलीज करता हो, लेकिन बॉलीवुड़ में यह प्रचलन कई सालों बाद आया. बड़े पर्दे पर हिन्दी सिनेमा की सबसे मशहूर फिल्म ‘नील कमल’ मार्च 24, 1947, को सोमवार के दिन रिलीज हुई थी, लेकिन इसे दर्शकों का इतना प्यार नहीं मिल पाया. कुछ साल बाद भारत की सबसे बड़ी और क्लासिक फिल्म ‘मुगल-ए-आजम’ को 5 अगस्त, 1960, को शुक्रवार को रिलीज किया गया. इस फिल्म की सफलता से बॉलीवुड दंग था और तभी से बॉलीवुड की फिल्मों को फ्राइडे के दिन रिलीज करने का रिवाज शुरू हो गया.

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वैसे इसके पीछे एक और कारण बताया जाता है. दरअसल मुंबई में कई कंपनी फ्राइडे के दिन आधे दिन के बाद कर्मचारियों की छुट्टी कर देती थी. साथ ही संडे को भी लोगोंं को छुट्टी मिलती थी जिस वजह से शुक्रवार का दिन बॉलीवुड़ के लिए लकी और कमाऊ साबित हुआ. जानकार इसके पीछे एक व्यवसायिक कारण भी बताते हैंं, और कारण है फिल्म की स्क्रीनिंग फीस मल्टीप्लेक्सेस में फ्राइडे को छोड़कर हफ्ते के बाकी दिनों में ज्यादा होती है. इतना ही नहीं फिल्मों के निर्माता फिल्म को शुरू करने का मुहूर्त भी फ्राइडे के दिन ही करते हैं.

हमें उम्मीद है कि आपको अब समझ में आ चुका होगा कि आखिर क्यों लोग शुक्रवार का इंतजार करते हैं और इसके पीछे क्या कारण है…