Chandigarh/Alive News: भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति ने हरियाणा में होने वाले राज्यसभा के उप-चुनाव के लिए रेखा शर्मा के नाम पर मोहर लगा दी है। रेखा शर्मा राष्ट्रीय महिला आयोग की चेयरपर्सन भी रह चुकी हैं। रेखा शर्मा के नाम पर मोहर लगने के बाद से उनके समर्थक काफी ज्यादा खुश नजर आ रहे हैं। बता दें कि हरियाणा के अलावा आंध्र प्रदेश और ओडिशा में भी राज्यसभा के उपचुनाव के लिए उम्मीदवारों की घोषणा हो गई है। आंध्र प्रदेश से भाजपा ने रयागा कृष्णैया तो ओडिशा से सुजीत कुमार पर भरोसा जताया है।
साल 1964 में जन्मी रेखा शर्माने उत्तराखंड से पॉलिटिकल साइंस की डिग्री लेने के बाद मार्केटिंग और एडवरटाइजिंग में डिप्लोमा किया। हालांकि, इसके बाद उनका करियर सीधे राजनीति को ओर बढ़ निकला। हरियाणा में पंचकूला भाजपा की जिला सेक्रेटरी थीं। साथ ही साथ मीडिया विभाग भी संभाला करती थीं।
इसमें उनकी एडवरटाइजिंग की पढ़ाई काफी काम आई। नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद वर्ष 2015 में उन्हें राष्ट्रीय महिला आयोग का चेयरपर्सन लगाया गया था। जिसके बाद 2018 में उनका कार्यकाल दोबारा बढ़ा दिया गया था। रेखा शर्मा लगभग 9 वर्ष तक राष्ट्रीय महिला आयोग की चेयरपर्सन रही हैं।
इसराना विधायक कृष्ण लाल पंवार ने कैबिनेट मंत्री बनने के बाद से राज्यसभा सदस्य पद से इस्तीफा दे दिया था। 14 अक्टूबर कृष्ण लाल पंवार के इस्तीफे के बाद से यह सीट खाली हो गई थी। जहां से अब भाजपा ने रेखा शर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया है।
रेखा शर्मा का राज्यसभा जाना तय
हरियाणा में राज्यसभा के लिए एक सीट पर होने वाले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की जीत तय है। 90 विधायकों वाली हरियाणा विधानसभा में भाजपा विधायकों की संख्या 48 है। वहीं, विपक्षी दल कांग्रेस के पास 37 विधायक हैं। हालांकि, यह पहला मौका है जब इतनी बड़ी संख्या में विपक्ष के विधायक जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं।
लेकिन इसके बावजूद भी रेखा शर्मा को राज्यसभा भेजने में भारतीय जनता पार्टी को कोई दिक्कत नहीं आएगी। 48 विधायकों के बल पर भाजपा आसानी से अपने प्रत्याशी को वर्ष 2028 तक राज्यसभा भेज सकती है। इसके अलावा तीन निर्दलीय विधायक भी भाजपा के साथ हैं, जबकि दो इनेलो विधायकों ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं।