November 16, 2024

जब श्रीराम चले बनवास को…

Faridabad/Alive News : श्री धार्मिक लीला कमेटी एम ब्लाक में श्रीराम वनवास का मंचन हुआ जिसके अंतर्गत श्रीराम चले बनवास को तो भरत चले वनों में श्री राम को लाने। र्निदेशक ने बताया कि मंथरा बने मनीष ने जब केकई को भरत को राजा बनाने के लिये भडक़ाया तो के कई बने नवनीत ने त्रिया चरित्र चाल बिछाकर दशरथ से वचन लेने के लिये राम की कसम खिलाई और दशरथ बने अनिल नागपाल ने कहा “इक बार जो अंतिम मेरा वचन होगा, कसम है राम की दशरथ नही मिथ्या कथन होगा” तो केकई ने वर माँगते हुए कहा “समंझूगी तब मैं सच्चे हो जब मुझको यह वरदान मिले, वंचित हो राम,भरत को राजतिलक सम्मान मिले” और दूसरे वर में कहा “जो वस्त्र हैं साधु संतो के वह राम करे धारण तन मे, त्यागी हों चौदह वर्षों को विश्राम करे जाकर वन में” यह सुनकर दशरथ रो-रो कर अपने प्राण त्याग देता है ।

राम,लक्ष्मन और सीता को केवट नदि पार करवाते हैं और श्रीराम को वचन देते हैं कि वह उनका वापिस आने का 14 वर्षों तक यही इंतजार करेगा । यह दृश्य दर्शकों को भावुक कर देता है ।  जब भरत और शत्रुघन ननिहाल से अयोघ्या आते हैं, तो भरत को केकई उसको अपने दोनों वर मांगने तथा दशरथ की मृत्यु का समाचार देती है ।  जिसे सुनते ही भरत व शत्रुघन रोने लगते हैं । शत्रुघन बने मोहित छाबड़ा ने जब मंथरा को लात मारी तो दर्शकों ने तालियां बजाई । भरत बने सन्नी ने यह संवाद बोला “हो गया होना लिखा था हमारे भाग में , राम का सेवक चला राम के अनुराग में” जिसे सुनकर  दर्शक भावुक हो गए।

बाल कलाकारों ने भी सीता स्वंमवर और केकई मंथरा संवाद किया जिसमें जनक अमन नागपाल, सीता रिद्वी खरबंदा, राम आकर्षण नागपाल, लक्ष्मन साहिब खरबंदा, रावण विद्वांश खरबंदा, परशुराम हार्दिक बत्तरा, केकई निष्ठा नागपाल व केकई प्रियंजा बने ।