Patna/Alive News : भले ही नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हों, लेकिन देश के हर राज्य के हर खबर की उन्हें जानकारी रहती हैं.. कम से कम ऐसा मानना हैं बिहार के स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव का, जिन्हें गुरुवार को पटना के गांधी मैदान में दोपहर के भोजन के समय देखते ही प्रधानमंत्री ने कहा कि कैसे हैं कन्हैया जी?
बाद में उन्हें किशन कन्हैया भी कहा और जब उनके पिता और राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने बेटे का परिचय देते हुए कहा कि ये स्वास्थ्य मंत्री हैं, तब उनके शरीर को देखते हुए पीएम मोदी ने कहा कि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री हैं, लेकिन खुद उनका स्वास्थ्य बहुत स्वस्थ नहीं हैं. इस पर लालू यादव ने सफाई दी कि उसके अंदर बहुत ताकत है और एक्सरसाइज की जरुरत महसूस नहीं करता.
बहरहाल, कन्हैया के कमेंट से स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री ने हाल के दिनों में खासकर पहली जनवरी को तेजप्रताप का वो फोटो और विजुअल देखा था, जिसमें वो मीडिया वालों के लिए बांसुरी बज रहे थे. इससे पहले भी पिछले महीने तेजप्रताप मथुरा गए थे और वहां उन्होंने कृष्ण भक्ति पर लोगों का खूब मनोरंजन किया था. ये सारी गपशप गांधी मैदान के टेंट सिटी में वीआईपी लाउन्ज में हो रही थी, जहां खाने का इंतजाम किया गया था. भोजन पर मेजबान नीतीश कुमार के साथ उनके दोनों सहयोगी तेजस्वी यादव और तेजप्रताप अपने पिता लालू यादव के साथ मौजूद थे. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी रामविलास पासवान, रविशंकर प्रसाद, हरसिमरत कौर, राज्यपाल रामनाथ कोविंद, पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और उनके बेटे सुखबीर बादल भी मौजूद थे.
इसके पहले कार्यक्रम के दौरान लालू यादव गुरुद्वारे में वीआईपी गैलरी में अपने बेटे और अन्य नेताओं के साथ बैठे थे, जहां उनकी पार्टी के पूर्व सहयोगी और अब केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव ने पूछा भी कि यहां क्यों बैठे हैं.. तब लालू यादव ने जवाब दिया की सब लिस्ट ऊपर से मंजूर होकर आता हैं. हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में जब सभी विभागों का आभार प्रकट किया और सड़क विभाग का नाम लेना भूल गए तब भी कुछ बीजेपी नेताओं ने लालू यादव से चुटकी ली की कहीं नीतीश ने जान-बूझकर सारा श्रेय लेने के चक्कर में तेजपस्वी यादव जो पथ निर्माण मंत्री हैं, उनका नाम लेना भूल तो नहीं गए.. तब लालू यादव ने कुछ खास नहीं कहा.
लेकिन लालू यादव जहां नोटबंदी पर नीतीश कुमार के रुख से बहुत खुश नहीं थे, वहीं शराबबंदी पर प्रधानमंत्री के खुल्लम-खुल्ला समर्थन से भी बहुत प्रसन्न नहीं होंगे, क्योंकि उन्हें मालूम है कि नीतीश और आक्रामक होकर शराबबंदी के अभियान पर लग जाएंगे. इससे पहले भी लालू यादव ने बिहार सरकार के विज्ञापन से तेजस्वी की तस्वीर न रहने पर भले सार्वजनिक रूप से नाराजगी नहीं दिखाई, लेकिन सब जानते हैं की उन्होंने अपनी पार्टी के माध्यम से आनन-फानन में बड़े-बड़े होर्डिंग लगाकर इसकी भरपाई करने की कोशिश की.