Faridabad/Alive News: राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा की अध्यक्षता में विश्व दुग्ध दिवस पर जूनियर रेडक्रॉस, गाइड्स और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड द्वारा वर्चुअल कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जे आर सी, एस जे ए बी प्रभारी प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि एक जून विश्व दुग्ध दिवस के रूप में मनाया जाता है।
भारत विश्व का सबसे ज्यादा दूध उत्पादन करने वाला देश है। इसका श्रेय 1970 से 1996 तक चले विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित ऑपरेशन फ्लड को जाता है। भारत में सफ़ेद क्रांति लाने वाले डॉ. वर्गीस कुरियन ने वर्ष 1965 में राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड की स्थापना की थी। इसका उद्देश्य अमूल की सफलता भारत के दूसरे हिस्से में पहुंचाना, भारत में दूध का उत्पादन बढ़ाना, और दूध का व्यवसाय करने वालों तक उचित मूल्य में दूध पहुंचाना था। ऑपरेशन फ्लड के आने से इनके काम में तेज़ी आई।
जूनियर रेडक्रॉस, सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड और गाइड्स प्रभारी प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि इस दिन सभी संस्थाएं ये बताने का प्रयास करती हैं कि दूध हमारे आहार का कितना जरूरी हिस्सा है और इसके सेवन के क्या फायदे होते हैं। पहली बार विश्व दुग्ध दिवस 2001 में मनाया गया और इस आयोजन में कई देशों ने हिस्सा लिया। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन ने साल 2001 में इस दिन डेयरी क्षेत्र में स्थिरता, आर्थिक विकास, आजीविका और पोषण के बारे में लोगों को बताया जाता है। विश्व दुग्ध दिवस के अवसर पर इस वर्ष की थीम ‘पर्यावरण, पोषण और सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण के साथ-साथ डेयरी क्षेत्र में स्थिरता।
भारत में श्वेत क्रांति शुरू करने का श्रेय वर्गीज कुरियन को दिया जाता है। वर्गीज कुरियनका जन्म 26 नवंबर को हुआ था इसलिए भारत में उनके जन्म दिवस पर राष्ट्रीय दुग्ध दिवस मनाया जाता है। वर्गीज कुरियन को दूध मैन भी कहा जता है क्योंकि इन्होंने श्वेत क्रांति की शुरुआत की थी। दूध में बहुत से पोषक तत्व विद्यमान होते हैं। प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा और एक्टिविटीज कॉर्डिनेटर गणित प्राध्यापिका डॉक्टर जसनीत कौर तथा छात्रा निशा, शिल्पा, भूमिका, कशिश और महक का दूध को सम्पूर्ण आहार बताते हुए स्लोगन के माध्यम से वर्गीज कुरियन को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।