Kapoor/Alive News : राष्ट्रपति चुनाव के आज नतीजे आ रहे हैं. कानपुर देहात के परौंख गांव में जश्न का माहौल है. रामनाथ कोविंद 71 साल पहले इसी गांव में पैदा हुए थे. गांव में जिस फूस के छप्पर में वह पैदा हुए थे वह उनके जन्म के बाद ही जल गया था, जिसमें उनकी मां की मौत हो गई थी. उसी जगह पर कोविंद ने दो कमरे का कम्यूनिटी सेंटर बना दिया जो गांव में शादी-ब्याह के लिए इस्तेमाल होता है. उसके आसपास आज भीड़ है. ढोल-नगाड़े ताशे बज रहे हैं. हर कोई अपनी श्रद्धा और शौक के मुताबिक इस जश्न में शामिल है. कुछ लोग अखंड रामायण का पाठ कर रहे हैं. तो पास में ही तेज आवाज वाले म्यूजिक सिस्टम पर दिल्ली वाली गर्लफेंड…. और आरा हिले, छपरा हिले, कलकत्ता हिले रा…तोहरी लचके जब कमरिया सारी दुनिया हीले ला… भी बज रहा है. पड़ोस के रहमान ने दो रकत शुक्राने की नमाज अदा की है. खुदा का शुक्र अदा करने के लिए गांव के रिश्ते से उनके बाबा राष्ट्रपति बन रहे हैं.
पड़ोसी खिलाएंगे फ्री में गोलगप्पे
रामनाथ कोविंद के बड़े भाई 76 साल के प्यारेलाल कोविंद कानपुर देहात के झींझत इलाके में गुड़ मंडी की गली नंबर 4 में आठ फीट लंबी और सात फीट चौड़ी कपड़े की एक गुमटी चलाते हैं. पहले वह साइकिल पर फेरी लगाकर कपड़े बेचते थे,लेकिन जब कुछ पूंजी जमा हुई तो 47 साल पहले उन्होंने गुड़मंडी की इस पतली-सी गली में गुमटी खोल ली. कोविंद के सभी भाई परौंख से करीब 20 किलोमीटर दूर ओम नगर मोहल्ले में रहते हैं. पतली-पतली गलियों वाली यह बस्ती है. सभी भाइयों के घर अगल-बगल हैं. उनके सामने पवन गोलगप्पे वाले रहते हैं, जिनका कहना है कि बाबा शपथ ग्रहण होगा तो एक रोज फ्री में गोलगप्पे खिलाएंगे. घर के युवाओं ने बताया कि वे नए-नए कपड़े सिलवा रहे हैं, जिन्हें पहनकर वे दिल्ली जाएंगे. गांव ने लोग गाना गा रहे हैं- मेरे बाबा की भई सरकार….
योगी सरकार बनते ही लग गई नौकरी पर रोक
कोविंद की भतीजी दयालता ने बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन की ट्रेनिंग की है. अखिलेश सरकार में नौकरी के लिए उनकी परीक्षा हो गई थी उन्हें अप्याइनमेंट लेटर मिलना था. सरकार बदलने से भर्ती पर रोक लग गई. लिहाजा वह बेरोजगार ही रह गई हैं. कोविंद के भतीजे दीपक जूनियर स्कूल में अध्यापक हैं. दीपक कहते हैं जिस दिन चाचा राष्ट्रपति बनाए गए मैं स्कूल गया तो मेरे हेडमास्टर मुझे रिसीव करने सड़क पर खड़े थे.
मोहल्ले में कोविंद के परिवार का रुतबा बढ़ा
मोहल्ले में कोविंद के परिवार का रुतबा अचानक बढ़ गया है. प्यारे लाल के कपड़े की दुकान पर भी लोग अब मोलभाव कम करते हैं. आज उनके घर में जश्न है. लउआ टेंट हाउस से मंगवाकर पंडाल लगाया गया है. दोस्त और रिश्तेदार अड़ोसी पड़ोसी बधाई देने आ रहे हैं.