Faridabad/ Alive News : कांग्रेसी नेता विजय प्रताप सिंह ने भाजपा विधायक सीमा त्रिखा के इस बयान पर सख्त एतराज जताया है कि बडख़ल विधानसभा हमेशा उपेक्षा का शिकार रहा है। विजय प्रताप ने कहा कि यह एक गैर जिम्मेदारना राजनैतिक बयान है। उनको याद रखना चाहिए बडख़ल विधानसभा क्षेत्र 2009 अस्तित्त्व में आया था। उस समय इस क्षेत्र से चौ. महेन्द्र प्रताप सिंह कांग्रेस के विधायक और मंत्री बने। 2009 से 2014 तक के उनके कार्यकाल के दौरान बडख़ल पुल का दोहरीकरण, फतेहपुर चंदीला का अण्डर पास, सूरजकुण्ड से अनखीर, एसजीएम नगर तीन नंबर से प्याली चौक तक के रोड, बीके अस्पताल का नव निर्माण हो, इएसआई मेडिकल कॉलेज भी कांग्रेस के समय में बना है।
विजय प्रताप सिंह ने कहा कि दशहरा मैदान का नवीनकरण, सब स्टेशन, एसजीएम नगर में सीवरेज एण्ड वाटर की व्यवस्था, टाऊन में हुए विकास, कालोनियों में हुए विकास कार्य और सब मिलाकर 800 करोड़ के मुख्य कार्य इस कार्यकाल में हुए। जो एक मिसाल हैं। जबकि मौजूदा भाजपा सरकार अब तक सवा तीन साल के अरसे में इसके एक चौथाई काम भी नहीं करा पाई है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार अपने कामो का श्वेत पत्र जारी करे। ताकि लोगों को हकीकत का पता चल सके। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने कार्यकाल में किसी भी कालोनी को उजडऩे नहीं दिया। बल्कि गरीबों को बसाने का कार्य किया।
उन्होंने कहा कि सरकार जनता को यह जवाब दे कि पहले तो वे निर्माण कार्य कराते है। फिर पिक एण्ड चूज की नीति के चलते उन्हें एक-एक करके तुड़वाते हैं। ऐसी कैसी पकड़ है इस सरकार की, कि विधायक को तोडफ़ोड़ रूकवाने के लिए जाना पड़ता है। यह नीति संदेह के घेरे में है। चाहे हार्डवेयर चौक का मामला हो या पल्ला या लकड़पुर क्षेत्र हो। चौ महेन्द्र प्रताप सिंह के कार्यकाल में 2000 हजार रूपये प्रतिगज तय करके कर्मशियल साईट तय की गई थी।
विजय प्रताप सिंह ने यह भी कहा कि चाइना की कंपनी इको ग्रीन कचरा उठाने व प्रबंधन का कार्य दिया गया है। उस पर सरकार स्पष्ट करे कि कि किस तरह का करार उनके साथ किया है। क्योंकि सुनने में आ रहा है कि 7 रूपये बिजली प्रति यूनिट सरकार उनसे खरीदेगी और 3 रूपये अतिरिक्त नगर निगम भी लेगा। कचरा उठाने के लिए प्रतिघर से 50 से 70 रूपये को वसूल किया जाएगा। यह नाजायज है। जब लोग नगर निगम में गृहकर, विकास शुल्क भर रहे हैं। तो यह पैसा क्यों वसूला जाएगा। यह कार्य नगर निगम है नगर निगम ही करे। इको ग्रीन कंपनी को सफाई का ठेका देने से कर्मचारी बेरोजगार होगे। उन्होंने कहा कि कंपनी को ठेका नहीं दिया जाना चाहिए