Faridabad/Alive News : वाईएमसीए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, फरीदाबाद द्वारा ‘वैदिक गणित तथा मूल्य परक शिक्षा’ पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला विश्वविद्यालय के विवेकानंद मंच तथा शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया था। कार्यशाला में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के सचिव अतुल कोठारी मुख्य वक्ता रहे तथा ‘चरित्र निर्माण तथा व्यक्तित्व विकास’ पर अपना व्याख्यान किया। कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
अपने संबोधन में प्रो. दिनेश कुमार ने वैदिक गणित को एक कला बताते हुए कहा कि वैदिक गणित परम्परागत गणित की तुलना में ज्यादा व्यवस्थाबद्ध व सरलता है और इसमें एकरूपता है। ये गणना के एक दिमागी उपकरण के रूप में कार्य करता है जो मुश्किल से मुश्किल गणना को सरल बनाता है। वैदिक गणित की विधियों की विविधता गणित विषय को आनंददायक और रूचिकर बनाने के साथ-साथ तर्क शक्ति को भी बढ़ाती है। कुलपति ने शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास द्वारा भारतीय शिक्षा प्रणाली के पुर्नाेत्थान के लिए किये जा रहे कार्यों की सराहना भी की। अपने मुख्य संबोधन में अतुल कोठारी ने अपने व्याख्यान को ‘ओम’ ध्वनि के उच्चारण से शुरू किया तथा स्वास्थ्य के लिए इसे लाभकारी बताया।
उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक अध्ययन से साबित हुआ है कि ‘ओम’ ध्वनि के उच्चारण से अनेक मानसिक, शारीरिक तथा अध्यात्मिक लाभ होते है और यह व्यक्ति के जीवन को सकारात्मक बनाता है। व्यक्तित्व विकास को शिक्षा से जोड़ते हुए कोठारी ने कहा कि शिक्षा का लक्ष्य चरित्र निर्माण और व्यक्तित्व विकास होना चाहिए जो विद्यार्थी की क्षमताओं के अनुरूप उसका सर्वांगीण विकास करें तथा जीवन मूल्यों सहित शैक्षिक लक्ष्यों की प्राप्ति हो। कोठारी ने मौजूदा शिक्षण व्यवस्था में पुर्नोत्थान पर भी बल दिया।
कार्यशाला के दूसरे सत्र को न्यास के अन्य पदाधिकारियों देसराज शर्मा तथा राकेश भाटिया ने संबोधित किया तथा ‘मूल्यपरक शिक्षा’ और ‘वैदिक गणित’ पर अपने विचार रखे। सत्र को आलोकदीप ने भी संबोधित किया। कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने कोठारी तथा अन्य पदाधिकारियों का विश्वविद्यालय की ओर से भेंट देकर सम्मानित किया। अंत में विवेकानंद मंच के समन्वयक डॉ प्रदीप कुमार डिमरी ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। कार्यक्रम डॉ. सोनिया बंसल की देखरेख में किया गया।