Chandigarh/Alive News: महामारी के बीच देश के दूसरे राज्यों की तरह हरियाणा में ब्लैक फंगस का जाल फैलने लगा है। प्रदेश में ब्लैक फंगस के बढ़ते मरीजों ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है। कोरोना से ठीक होने के बाद अब ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ रही है। जिन्हें शुगर है और उन पर ब्लैक फंगस ने हमला बोल दिया है। पीजीआई रोहतक के बाद अब करनाल स्थित कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज में भी ऐसे दो मरीजों को दाखिल किया है। दोनों मरीजों की एक-एक आंख पर फफूंद बढ़ने लगी है। हालांकि, डाक्टरों ने इलाज शुरू कर दिया है।
रेमडेसिविर के बाद अब प्रदेश में ब्लैक फंगस बीमारी में काम आने वाली दवाइयों की कालाबाजारी बढ़ने की आशंका है। पिछले एक सप्ताह से इस तरह के मामले सामने आने के बाद से बीमारी के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाइयां बाजार से कम होने लगी हैं। विशेषज्ञों की राय है कि सरकार को कालाबाजारी से पहले ही इस पर फैसला लेना चाहिए। इसे रोका जा सके और मरीजों को आसानी से दवा मिल सके।
पीजीआई मिले 20 मामले
जानकारी के मुताबिक पिछले एक सप्ताह में पीजीआई रोहतक में करीब 20 ऐसे मामले आए। इनमें से कुछ लोगों की आंख चली गई तो किसी का कान। वहीं, दो लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। अब करनाल मेडिकल कालेज में भी दो ऐसे मरीजों की पहचान की गई है, जिनको फंगस इंफेक्शन हो गया है। प्रांरभिक लक्षणों को देखते हुए उनका इलाज शुरू कर दिया है।
दोनों को शुगर है और कोरोना से ठीक होने के बाद ऐसा हुआ है। एक व्यक्ति की आंख पर फंगस फैल चुकी है। जबकि दूसरी की अभी शुरुआत हुई है। मेडिकल कालेज के एक अधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि दोनों का इलाज जारी है। हमारा प्रयास है कि दोनों की आंखों को बचाया जाए। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना के दौरान मरीजों को स्टेराइड दिया जाता है, इसी के चलते शुगर के मरीजों को बाद में ये दिक्कत होती है।