November 15, 2024

ट्रैफिक सिग्नल इधर….तेरा ध्यान किधर?

ट्रैफिक नियमों को तोड़, मौत को दावत दे रहे लोग

Poonam Chauhan/Alive News : बाबा फरीद की नगरी फरीदाबाद में शान से तोड़ा जाता हैं ट्रैफिक रूल्स, अरे तोड़े भी क्यों ना, ये तो टशन का मामला है…जी हां आपने सही सुना। युवाओं का शहर फरीदाबाद ‘टशन और स्टंटबाजी’ में किसी से पीछे नही है। चाहे नतीजा कुछ भी हो, स्टाईल तो बनता ही है। कुछ यहीं सोच रखने वाले हमारे युवा रोजाना धड़ल्ले से ट्रैफिक नियमों को तोड़ते है और अपनी मौत को दावत देते है।

आपको बता दे नियमों की अनदेखी के कारण ही आए दिन शहर में बड़ी दुर्घटनाएं घटित होती है और सारा ठिकरा प्रशासन पर फोड़ दिया जाता है। आरोप लगता है कि पुलिस कुछ करती ही नहीं। अरे, करे भी तो कैसे? क्या आप लोग ट्रैफिक नियमों को फ्लो करते हंै, क्या आप स्पीड ब्रेकर पर गाड़ी स्लो करते है, क्या आप लिमिट के अनुसार स्पीड रखते हैं तो शायद जवाब होगा नही। तो फिर क्यों हम किसी और को दोषी ठहरा देते है। शहर में युवाओं को रेड लाईट क्रॉश करते हुए बिना हेलमेट के एक ही बाईक पर 3 से 4 साथियों के साथ सवार हुए आराम से देखा जा सकता है।

सुबह कॉलेज और स्कूल के समय यह नजारा देखना आम बात है। इतना ही नही, नौकरीपेशा करने वाले लोग भी सिग्रल के ग्रीन होने का इंतजार नहीं करते और अपनी गाड़ी को वहां से स्पीड में लेकर चले जाते है। आपको बता दे ट्रैफिक नियमों की अनदेखी के कारण ही इस साल एनएच-2 पर 104 दुर्घटनाएं हो चुकी है, जिनमें 48 लोगों ने अपनी जान गवा दी और 76 गम्भीर रूप से घायल हुए।

ट्रैफिक पुलिस का स्कूल कॉलेज में जाकर ट्रैफिक को लेकर जागरूकता अभियान चलाना सफल नही हुआ और आज भी युवा ट्रैफिक रूल्स को तोडऩे में सबसे आगे है। इसके अलावा कई वाहन चालकों ने अपने वाहनों पर सायरन हार्न व पटाखेनुमा यंत्र लगा रखे हैं जो भीड़ से गुजरते हुए इन यंत्रों को बजाते हैं जिससे आमजन को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

– क्या कहते है डीसीपी ट्रैफिक

पुलिस समय-समय पर स्कूलों में ट्रैफिक रूल्स को लेकर जागरूकता अभियान चलाती रहती है। उसके बावजूद भी बच्चे स्कूलों में मोटर साईकिल, स्कूटी लेकर जाते है जोकि बच्चे अपने वाहनों को स्कूल से बाहर खड़ी करते है, जिससे स्कूल प्रशासन को इसकी जानकारी नहीं होती। उन्होंने कहा पुलिस समय-समय पर चेकिंग के दौरान बच्चों द्वारा रूल्स तोडऩे पर उनके अभिभावकों का चालान करती है। वहीं एनएच-2 पर एक्सीडेंट की बात तो एनएचआईए द्वारा पुलो पर ग्रील लगा दी है, जबकि बॉर्डर से लेकर बल्लभगढ़ तक हाईवे के बीच में 5 फूट की ग्रील लगाने का कार्य जल्द शुरू होने जा रहा है जिससे दुर्घटनाएं कम होगी।
-विरेन्द्र विज, आईपीएस, डीसीपी ट्रैफिक, फरीदाबाद।

– क्या कहते हैं आकडे :

एचएच-2 पर दुर्घटना और मौत
महीना     एक्सीडेंट 2016    एक्सीडेंट 2017    मौत 2016   मौत 2017   घायल 2016    घायल 2017
जनवरी से जुलाई तक   96    104    37   48   95   76