September 20, 2024

कैब चालकों की हड़ताल से यातायात प्रभावित ,पढ़िए खबर

Faridabad/Alive News : जिले में बृहस्पतिवार को ओला, उबर सहित ऐप-आधारित कैब सेवाएं देने वाले चालक दो दिनों की हड़ताल पर चले गए। हड़ताल में जिले के करीब पांच हजार से अधिक चालक शामिल हुए। कैब चालकों ने आईएमटी चौक समेत जिले में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन किया। हड़ताल से यातायात व्यवस्था भी प्रभावित रही।

इस दौरान एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, दिल्ली-नोएडा-गुरुग्रम जाने वाले यात्रियों को मेट्रो-ऑटो में करना पड़ा सफर करना पड़ा।100 से अधिक कैब चालकों ने बृहस्पतिवार सुबह आईएमटी चौक पर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान चौक के पास कैब चालकों ने जमकर नारेबाजी की। अलग-अलग समूहों में कैब चालकों ने जगह-जगह चौक-चौराहों पर प्रदर्शन किया।

इस दौरान कैब चालक बैनर और तख्तियां लेकर अपनी व्यथा बता रहे थे और ऐप आधारित कंपनियों के खिलाफ नारे लगा रहे थे। कैब चालकों की हड़ताल के चलते यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। सबसे अधिक दिक्कत दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा-गाजियाबाद जाने वालों को हुई। इसके अलावा दिल्ली एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन या अन्य स्थानों पर समय से पहुंचने वाले यात्री परेशान दिखाई दिए। बहुत से लोग चौक-चौराहों पर ऑटो का इंतजार करते दिखे।

इस दौरान ऑटो चालकों की चांदी रही और कई जगह ऑटो चालकों ने मनमाना किराया भी वसूला। इस दौरान मेट्रो में भी भीड़ दिखाई दी।प्रदर्शन कर रहे कैब चालक जगदीश, ललित, दुर्गा प्रसाद, प्रदीप, सचिन, अमित, लोकेश और मुनेश ने बताया वह कई वर्षों से ओला और उबर जैसी कंपनियों के साथ काम कर रहे हैं। उनको जो किराया दिया जा रहा है, वह आज के समय में बहुत कम है। इसको लेकर उन्होंने सरकार और विभागों को पत्र लिखकर अवगत करवाया लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। इसी के चलते कैब चालक दो दिन की हड़ताल पर हैं।

इन सभी मांगों को लेकर दिल्ली-एनसीआर सहित जिले के करीब 5 हजार से अधिक कैब दो दिन की हड़ताल पर हैं।प्रति किलोमीटर मिलते हैं आठ रुपये, कई बार उठाना पड़ता है नुकसानउन्होंने बताया कि अभी चालक को प्रति किलोमीटर 8 रुपये दिए जाते हैं जोकि इतनी महंगाई के समय में काफी कम हैं। उनकी मांग है कि इसको बढ़ाकर 17 से 18 रुपये प्रति किलोमीटर किया जाए। वहीं, अगर किसी रास्ते पर रूट को डायवर्ट किया हुआ होता है तो उनकी गाड़ी घूमकर यात्री को पहुंचाती है। उसके बावजूद भी उनको एक्सट्रा पैसा नहीं दिए जाते हैं। वहीं, एयरपोर्ट से जो गाड़ी बुक होती है। उससे भी कंपनी 300 से 400 रुपये कमिशन के तौर पर काट लेती है। इसकी वजह से आधे से ज्यादा चालक एयरपोर्ट पर सर्विस देने से भी मना कर चुके हैं। अगर किसी चालक की कोई तीन यात्री गाड़ी को कैंसिल कर देते हैं तो उनका खाता एक घंटे के लिए बंद कर दिया जाता है। इसकी वजह से एक घंटे तक वह किसी भी सवारी को लेकर नहीं जाते हैं, जिससे उनको नुकसान होता है। अगर यात्री बुक गाड़ी को कैंसिल कर रहा है तो उसमें चालक की क्या गलती है लेकिन कंपनी वाले चालक की गलती को बताकर खाता ब्लॉक कर देती है। वहीं, कई जगह पर जाम व प्रतिक्षा करनी पड़ती है तो भी उनको एक्स्ट्रा पैसे नहीं दिए जाते हैं।10 हजार से अधिक प्रतिदिन करते हैं फरीदाबाद से ओला-उबर में सफरकैब कंपनी की हड़ताल होने की वजह से दो दिन लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। दिल्ली, नोएडा, एयरपोर्ट, गुरुग्राम के लिए जिले से हर रोज करीब 10 हजार से ज्यादा लोग कैब को बुक करके अपने गंतव्य तक पहुंचते हैं। दो दिन की हड़ताल होने की वजह से यात्रियों ने निजी वाहनों का सहारा लिया।लोगों ने लिया निजी वाहनों का सहाराग्रेटर फरीदाबाद निवासी रोशन ने बताया कि उनकी बृहस्पतिवार की दोपहर को दिल्ली एयरपोर्ट से फ्लाइट थी। उन्होंने सुबह 11 बजे उबर को बुक करने की कोशिश की लेकिन नहीं हुई। कुछ समय के बाद उनको पता चला कि दो दिन हड़ताल पर है। जिसके बाद वह अपने पिता के साथ निजी वाहन से एयरपोर्ट पहुंचीं।ऑटो चालकों ने महंगा किया किरायाएनआईटी-3 निवासी हरदयाल सिरोही ने बताया कि सुबह उनके बेटे प्रमोद सिरोही को एयरपोर्ट जाना था और कैब चालकों की हड़ताल से मुश्किलें पेश आईं। देर होने के चलते उन्होंने बेटे का मेट्रो में सफर करना उचित नहीं समझा। कैब चालकों की हड़ताल के चलते बड़ी मुश्किल में ऑटो मिला। इस दौरान ऑटो चालकों ने डेढ़ गुना किराया वसूला।