Faridabad/Alive News : लखीमपुर खीरी में जीप द्वारा कुचलने से किसानों व पत्रकार की हुई हत्या करने और सीएम के गैर जिम्मेदाराना बयान के खिलाफ शुक्रवार को ट्रेड यूनियनों, कर्मचारी व किसान संगठनों ने आक्रोश प्रदर्शन किया। आक्रोशित प्रदर्श नकारियों ने बीके चौक पर सरकार का पुतला भी जलाया। प्रदर्शन में सर्व सम्मति से प्रस्ताव पारित कर घटना में शामिल केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री व उसके पुत्र सहित अन्य सभी को गिरफ्तार करने, केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री को पद से बर्खास्त करने और घटना की माननीय सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट के सिटिंग जज से जांच कराने की मांग की।
प्रदर्शन में राज्य के मुख्यमंत्री द्वारा “उठा लो लठ्ठ” के गेर जिम्मेदाराना एवं भड़काने वाले बयान की घोर निन्दा की और बयान वापस लेने व जनता से सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने की मांग की। प्रदर्शनकारी कर्मचारी , किसानों एवं मजदूरों नगर निगम मुख्यालय बीके चौक पर एकत्रित हुए और वहां एक आक्रोश सभा का आयोजन किया। सभा के बाद बीके चौक से नीलम चौक तक केन्द्र एवं राज्य सरकार के खिलाफ आक्रोश मार्च किया।
मार्च में केन्द्र एवं राज्य सरकार के खिलाफ
जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। आक्रोश सभा एवं प्रदर्शन में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री, जिला प्रधान अशोक कुमार, कोषाध्यक्ष युद्धवीर सिंह खत्री, सीटू के जिला प्रधान निरंतर पराशर,उप प्रधान शिव प्रसाद, विजय झा,उप प्रधान बीरेंद्र डंगवाल, कोषाध्यक्ष सुधा पाल,रवि गुलिया, एटक के वरिष्ठ नेता बिशंम्बर सिंह, अखिल भारतीय किसान सभा के जिला प्रधान नवल सिंह नर्वत के अलावा सकसं के नेता अतर सिंह केशवाल, विनोद शर्मा, भूप सिंह,करतार सिंह, जगदीश चंद्र ,गांधी सहरावत, अजीत सिंह चेयरमैन आदि मौजूद थे।
प्रदर्शन में संयुक्त किसान मोर्चा के आंदोलन का पुरजोर समर्थन किया और तीनों असंवैधानिक कृषि कानूनों, बिजली संशोधन बिल 2021, लेबर कोड्स को रद्द करने, एमएसपी को कानूनी गारंटी देने, राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन योजना पर रोक लगाने की मांग की। नेताओं ने कहा कि आज बेलगाम छूती मंहगाई नहीं गरीब के मूंह से निवाला छीन लिया है।
बेरोजगारी चरम पर पहुंच गई है। पेट्रोल डीजल व रसोई गैस की बढ़ती कीमतों से आम जनता का बजट गड़बड़ा गया है। सरकार इन मुद्दों को संबोधित करने की बजाय जनता में पैदा हो रहे आक्रोश को बांटने के लिए सांप्रदायिक व जातीय आधार पर ध्रुवीकरण करने के प्रयास कर रही है। लोकतांत्रिक व संवैधानिक अधिकारों पर हमले किए जा रहे हैं। सभी वक्ताओं ने एकता को मजबूत करके निर्णायक आंदोलन का निर्माण करने का आह्वान किया।