अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति रिपब्लिकन पार्टी के नेता 70 वर्षीय डोनाल्ड ट्रंप शुक्रवार को 45वें राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे. डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी समयानुसार दोपहर करीब 12 बजे शपथ लेने जा रहे हैं. एक अनुमान के अनुसार शपथ ग्रहण समारोह के दिन वाशिंगटन डीसी में शुक्रवार को करीब दस लाख लोग जुटेंगे. आइए जानते हैं कि क्या होगी इस समारोह की खासियत…
तगड़े सुरक्षा इंतजाम
एक अखबार के अनुसार शपथ ग्रहण समारोह कैपिटल बिल्डिंग के वेस्ट फ्रंट में होगा. इसके लिए एक अस्थायी प्लेटफॉर्म बनाया गया है जो वाशिंगटन मोनुमेंट से करीब 1.8 किमी की दूरी पर है. मोनुमेंट और कैपिटल के बीच इस दूरी में ही जनता बैठेगी और आसपास करीब 11 एलईडी स्क्रीन भी लगाए गए हैं, जिनमें पूरा आयोजन देखा जा सकेगा. अमेरिकी राजधानी वाशिंगटन डीसी में बादलों से भरे, ठंडे मौसम में यह समारोह हो रहा है. जगह-जगह बैरिकेट लगी हुई है और जबर्दस्त सुरक्षा व्यवस्था है. करीब 28,000 सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की गई है.
विरोध प्रदर्शन करने वाले भी तैयार
इस आयोजन पर आतंकी खतरा तो है ही अमेरिका के ही करीब 60 संगठनों द्वारा ट्रंप का विरोध प्रदर्शन करने की आशंका सुरक्षा कर्मियों के लिए एक बड़ी चुनौती होगी. शपथ ग्रहण के दौरान और उसके बाद प्रदर्शन के लिए करीब 30 संगठनों को परमिट मिला है जो करीब 2.70 लाख लोगों के प्रदर्शन में शामिल होने का दावा कर रहे हैं. व्हाइट हाउस और कैपिटल हिल का का करीब 7 किमी वर्ग का इलाका सामान्य वाहनों के लिए बंद रहेगा. इस दौरान आम जनता की सुविधा के लिए शुक्रवार को सुबह 4 बजे से रात 12 बजे तक मेट्रो चलाया जाएगा.
दोपहर को होगा शपथ ग्रहण
शपथ ग्रहण समारोह अमेरिकी समयानुसार सुबह 11.30 बजे शुरू होगा. समारोह खुले में ही होगा, क्योंकि मौसम ठीक है. ठंड एवं बादल तो हैं, लेकिन खराब मौसम नहीं है. हालांकि बादल होने की वजह से यह आशंका है कि परेड के दौरान कुछ बारिश हो सकती है. शपथ ग्रहण से पहले छह ईसाई धर्मगुरु बाइबिल पाठ और प्रार्थना करेंगे. इस बार एक यहूदी रब्बी भी प्रार्थना करेंगे, इसके पहले बस रोनाल्ड रीगन के 1985 में दूसरी बार शपथ ग्रहण करने के दौरान ही हुआ था. दोपहर करीब 12 बजे शपथ ग्रहण के बाद ट्रंप अपना शुरुआती भाषण देंगे. उनके इस भाषण का थीम होगा- ‘मेक अमेरिका ग्रेट अगेन (अमेरिका को फिर महान बनाएं), जो ट्रंप का चुनावी नारा भी रहा है.
हाथ में होगी दो बाइबिल
जानकारों के अनुसार ट्रंप शपथ ग्रहण के दौरान अपने हाथ में दो बाइबिल लेकर आएंगे. पहली बाइबिल वह होगी जिसे 1861 में अमेरिका के पहले राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने शपथ के लिए इस्तेमाल किया था. दूसरी बाइबिल वह होगी जो ट्रंप की मां ने उन्हें उपहार में दिया है. ओबामा ने भी साल 2009 में शपथ ग्रहण के लिए लिंकन की बाइबिल का इस्तेमाल किया था. ऐसी कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है, लेकिन अमेरिका के ज्यादातर राष्ट्रपति बाइबल पर हाथ रखकर शपथ लेते हैं. अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जॉन रॉबसर्ट्स, ट्रंप को शपथ दिलाएंगे.
ओबामा भी रहेंगे मौजूद
इसके पहले ट्रंप सुबह एक प्रार्थना सभा में शामिल होंगे. वह इसके लिए संभवत: व्हाइट हाउस के पास स्थित सेंट जॉन एपिस्कोपल चर्च जाएंगे. इसके बाद ट्रंप निवर्तमान राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ मिलने व्हाइट हाउस जाएंगे और उनके साथ कॉफी पीएंगे. राष्ट्रपति ओबामा उन्होंने अपने साथ कैपिटल हिल लेकर जाएंगे. शपथ ग्रहण समारोह के दौरान ओबामा और उनकी पत्नी मिशेल ओबामा मौजूद रहेंगे. ट्रंप को पिछले साल हुए अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव में विजय मिली है. उनके समर्थकों को यह उम्मीद है कि वे उनके लिए आर्थिक समृद्धि लेकर आएंगे.