February 24, 2025

पराली प्रबंधन की सहायता राशि प्राप्त करने के लिए 30 नवंबर तक करवाएं पंजीकरण : उपायुक्त

DC Fridabad Vikram Singh

Faridabad/Alive News : पराली प्रबंधन की सहायता राशि प्राप्त करने के लिए किसान अपना पंजीकरण विभाग की वेबसाइट पर फसल अवशेष प्रबंधन स्कीम 2024 के तहत 30 नवंबर तक करवा सकते है। किसान पराली न जलाकर मशीनो का प्रयोग से खेतो में अवशेष मिला सकते है। सरकार की स्कीम के तहत जो किसान सुपर सीडर, हैप्पी सीडर, रिवर्सिबल एम० बी० प्लो, जीरो टिल सीड ड्रिल, रोटावेटर व हैरो द्वारा पराली अवशेषों को भूमि मे मिलाएगा वे किसान इन सीटू व एक्स सीटू प्रबंधन स्कीम के तहत एक हजार रू० प्रति एकड़ तक का लाभ उठा सकते है तथा ऐसा करने से किसान के समय की भी बचत होगी व किसानो को आर्थिक रूप से लाभ पंहुचेगा और पराली से पैदा होने वाले धुएं के प्रदूषण से भी बचाएगा। इन संसाधनो को बढाने के लिए विभाग की ओर से 50 प्रतिशत तक अनुदान भी दिया जाता है।

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग से डॉ अनिल कुमार ने बताया कि पराली में आग लगने ने से निकलने वाली गैस हवा की गुणवत्ता में गिरावट के कारण मानव स्वास्थ्य को प्रभावित करते है। पराली जलाने से होने वाले उत्सर्जन में ज्यादातर कार्बन डाइआक्साइड है जो कि कुल उत्सर्जन का लगभग 91.6% है। शेष प्रतिशत 66% कार्बन मोनोऑक्साइड, 11% वोलेटाइल ऑर्गेनिक कार्बन, 5% हाइड्रोकार्बन और 2.2% ऑक्साइड आफ नाइट्रोजन से बना है 18.9 मिलियन टन पराली कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जित होती है जो सीधे तौर पर पर्यावरण प्रदूषित करती है व भूमि में मौजूद पोषक तत्व नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम और सल्फर भी धीरे-धीरे खत्म हो जाते है।