November 24, 2024

बेंगलुरू की अलसूर झील में रहस्यमयी तरीके से हजारों मछलियां मरीं

Bangaloru : बेंगलुरू शहर के बीचोंबीच अलसूर लेक के किनारों पर सुबह की सैर करने आये लोगों को बदबू ने हैरान कर दिया। साफ़ सुथरी लेक के पास आखिर इतनी बदबू क्यों। नज़दीक जाने पर हज़ारों की तादाद में बढ़ी छोटी मछलियां यहां मरी मिलीं।

बदबू से साफ़ है कि ये मछलियां 12 से 15 घंटे पहले मरी होंगी। इसकी वजह अब तक किसी की समझ नहीं आ रही हैं। अलसूर लेक पर तीन एजेंसियों का नियंत्रण है। मद्रास सैप्पर्स यानी सेना, दूसरी एजेंसी है कर्नाटक फायर और इमरजेंसी सर्विसेज जो इसका इस्तेमाल ट्रेनिंग के लिए करता है। साथ ही कर्नाटक लेक अथॉरिटी ने इसके एक हिस्से को कर्नाटक पर्यटन विभाग को लीज पर दिया है जो यहां रेस्टॉरेंट चलाता है और बोटिंग पर्यटकों के लिए करता है।

लेक एनजीओ के विजय निशांत जो अलसूर लेक में मौजूद थे, ने बताया कि पानी में ऑक्सीजन की कमी की वजह से मछलियां मर रही हैं। ऐसे में सवाल ये उठता है कि ऑक्सीजन का स्तर कम कैसे हुआ। स्थानीय कॉर्पोरेटर ममता सुवर्णा ने बताया कि इस झील के एक हिस्से को मत्स्य पालन विभाग ने मछलियों के व्यावसायिक उत्पादन के लिए निजी ठेकेदारो को दिया है जिन्होंने मछलियों के बीज जरूरत से ज़्यादा डाले और उनकी आबादी एक सीमा से ज्यादा बढ़ी। इस वजह से ऑक्सीजन की मात्रा कम हुई। यही वजह है कि सिर्फ छोटी मछलियां की ज़यादह मरी हैं।

अलसूर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष वी पुरुषोत्तम मानते हैं कि नाले के पानी को इस झील से अलग करने के लिए बीच में जो पुलिया बनाई गयी थी, वह 2 साल पहले टूट गयी। गन्दा पानी झील के पानी से मिला और इससे प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ा। ऐसे में तेज़ गर्मी ने हालात और खराब कर दिये। ब्रीडिंग सीजन की वजह से मछलियों को परेशानी हुए और एक के बाद इतनी बड़ी तादाद में इनकी मौत हुई।

फिलहाल झील का पानी जांच के लिए भेज गया है, तभी साफ़ हो पाएगा कि इसकी असली वजह क्या है। हालांकि एक सम्भावना ये भी जताई जा रही है कि आस पास के लोग हमेशा यहां गैरकानूनी तौर पर मछली पकड़ने आ जाते हैं। इससे यहां झड़प होती रहती है। ऐसे में यह भी एक कोण बन रहा है कि क्या किसी ने गुस्से में आकर जानबूझकर इसमें ज़हर डाला।