November 23, 2024

ऐसे बनी ब्रेन लिपि नेत्रहिन लोगो की रोशनी

जनवरी को बर्ल्ड ब्रेल दिवस मनाया जाता हैं। आज के समय में उन लोगो के लिए बर्न लिपि किसी वरदान से कम नहीं है। जो नेत्रहिन है। अब यह विषय सोचने वाला है कि ये बर्न लिपी आखिर किसने बनायी ?

जी लुइस ब्रेल ही वो महान सख्श है। जिन्होंने बर्न लिपि की खोज की थी। लुइस बर्न की कहानी बहुत दुःख़द है। फ्रांस के कुप्रे गांव में लुइस का जन्म हुआ था। उनके पिता की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। अपने पिता की कार्यशाला में खेलते-खेलते अपनी एक आँख गवां ली और कोई वैद्य या दवाई उनकी आँख को नहीं बचा पाए। समय के साथ-साथ दूसरी आँख की भी रोशनी धीरे समाप्त हो गयी। 5 से 8 वर्ष की आयु में उन्होंने अपनी आंखें खो दी थी। तब वह स्कूल गए थे तो उनकी रूचि स्पर्श कला में अधिक थी। लेकिन जो स्पर्श शैली उन्हें स्कूल में पढ़ाई जाती थी। वह उन्हें बहुत कठिन लगती थी। इसलिए वो धीरे धीरे अपने अक्षर खुद बनाने लग गए और ऐसे ही करके एक दिन उनकी पूरी वर्णमाला बन कर तैयार हो गयी। वर्ष 2005 से बर्न लिपि पूरी तरह संचार की अन्य भाषाओ की तरह पूरे विश्व में लागू कर दी गई और तब से ही 4 जनवरी को ब्रिल वर्ल्ड दिवस के रूप में मनाया जाता है।