November 18, 2024

महिला ने वीडियो जारी कर कहा-पीड़ित पति के लिए इंजेक्शन नहीं मिली तो दे दूंगी जान

New Delhi/Alive News: देश में ब्लैक फंगस संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे है। ब्लैक फंगस संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती 40 वर्षीय व्यक्ति की पत्नी ने मंगलवार को सोशल मीडिया पर वीडियो जारी किया। महिला ने वीडियो में धमकी दी कि अगर उसके पति को आज जरूरी इंजेक्शन नहीं मिले तो वह अस्पताल की छत से कूदकर जान दे देगी।

यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। महिला इसमें कहती सुनाई दे रही है, “वह बॉम्बे हॉस्पिटल से बोल रही है। मरीज (महिला का 40 वर्षीय पति) की आंख में दर्द हो रहा है। उसका पूरा जबड़ा दर्द कर रहा है। उसके पति ब्लैक फंगस के इलाज के लिए भर्ती हैं। ऐसे में महिला ने गुहार लगाते हुए कहा कि मैं इस हालत में उन्हें कहां लेकर जाऊंगी? इंजेक्शन अस्पताल में नहीं मिल रहे हैं और बाहर भी नहीं मिल रहे हैं।

परेशान महिला ने वीडियो में भावुक लहजे में कहा, “अब मेरे पास क्या रास्ता होना चाहिए? मैं अपने पति को तिल-तिल तड़पते नहीं देख सकती। आप बताइए कि मुझे आगे क्या करना है? अगर मुझे आज इंजेक्शन नहीं मिलते हैं, तो मैं हॉस्पिटल की छत से कूदकर आत्महत्या कर लूंगी। मेरे पास और कोई रास्ता नहीं बचा है। महिला ने वीडियो में राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी और जिलाधिकारी मनीष सिंह को उनके पदनाम से संबोधित करते हुए कहा कि वे उसकी बात को गंभीरता से लें और ब्लैक फंगस संक्रमण के कारण अस्पतालों में भर्ती मरीजों को जरूरी इंजेक्शन उपलब्ध कराएं।

महिला के वायरल वीडियो पर बॉम्बे हॉस्पिटल के महाप्रबंधक राहुल पाराशर ने कहा, “हमने संबंधित महिला से बात कर उसे समझाया है. वह अभी परेशान है। उसके पति को एम्फोटेरिसिन-बी के 59 इंजेक्शन पहले ही लग चुके हैं। उसे इस दवा के और इंजेक्शनों की जरूरत है। उनके अस्पताल में एम्फोटेरिसिन-बी के इंजेक्शन फिलहाल उपलब्ध नहीं हैं।

महिला का वीडियो ऐसे वक्त वायरल हुआ है, जब ब्लैक फंगस के इलाज में आवश्यक एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शनों की भारी किल्लत के चलते यहां मरीजों और उनके तीमारदारों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इस सिलसिले में निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों की स्थिति भी बदतर है. गौरतलब है कि म्यूकरमाइकोसिस को “ब्लैक फंगस” के नाम से भी जाना जाता है। कोरोना वायरस संक्रमण से उबर रहे और स्वस्थ हो चुके कुछ मरीजों में यह बीमारी मिल रही है।