Chandigarh/Alive News: सीएम मनोहर लाल ने गुरुवार को वर्ष 1991 से 1993 तक झज्जर जिले के बहादुरगढ़ के सेक्टर-2 में कश्मीरी पंडितों के परिवारों द्वारा खरीदी गई जमीन का हक उन्हें देने के लिए मिशन ‘वचनपूर्ति’ का शुभारंभ किया। सीएम ने कहा कि 1991-1993 के दौरान कांग्रेस के कार्यकाल में जमीन खरीदने वाले कश्मीरी पंडितों के परिवारों का इंतजार आखिरकार आज खत्म हो गया है। इन 30 वर्षों में इन परिवारों ने अपनी जमीन पाने की उम्मीद लगभग खो ही दी थी। वर्ष 1997 में कुछ उपयुक्त संशोधन करने के बाद, कुछ भूखंड कश्मीरी पंडितों के पक्ष में जारी किए गए थे। लेकिन जिन परिवारों को उस समय जमीन नहीं मिली उन्हें करीब तीन दशक तक इंतजार करना पड़ा।
उन्होंने बताया कि 6 अप्रैल, 2022 को उस समय दर्ज किए गए जमीन के माप के सत्यापन के बाद ड्रा के माध्यम से उन्हें इस हक की अदाएगी की गई और आज 182 परिवारों को मालिकाना हक के कागजात सौंपे गए हैं। इसके अलावा, कुछ परिवारों को उनकी जमीन पहले ही मिल चुकी है। इस प्रकार, आज तक इस पूरी प्रक्रिया के माध्यम से कुल 209 परिवारों को प्रदेश सरकार द्वारा दिए गए वचन की पूर्ति की गई है।
यह वचनपूर्ति मिशन विपक्ष के उन दावों का करारा जवाब है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि वर्तमान राज्य सरकार ने कश्मीरी पंडित परिवारों को दी जाने वाली 5000 रुपए की वित्तीय सहायता रोक दी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इन परिवारों को आर्थिक सहायता के रूप में 5000 रुपए देने की योजना के नियम हमारे द्वारा नहीं बल्कि कांग्रेस शासनकाल में बनाए गए थे, जिसके तहत ऐसे किसी भी परिवार को आवेदन करने की तिथि से 5 साल की अवधि तक ही यह राशि मिलेगी।
सीएम मनोहर लाल ने कहा कि परिवार पहचान पत्र से जोड़कर सार्वजनिक वितरण प्रणाली का सर्वे सभी जिलों में किया जा रहा है। अभी तक यह सर्वे सिरसा और कुरुक्षेत्र जिले में पूरा हुआ है। इन दोनों जिलों में लगभग 80 हजार नए राशन कार्ड बने हैं। धीरे-धीरे दूसरे जिलों में सर्वे पूरा होने पर डाटा सामने आएगा।
परिवार पहचान पत्र के तहत 1 लाख 80 हजार रुपए से कम आय वाले परिवारों की वैरिफिकेशन का कार्य चल रहा है। सर्वे के बाद सिरसा में 46 हजार और कुरुक्षेत्र में 33 हजार नए पात्र परिवारों को राशन कार्ड दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि सर्वे में जिन परिवारों की आय ज्यादा मिली, उनके राशन कार्ड स्वतः ही कट गए हैं। ऐसे सिरसा में 10 हजार और कुरुक्षेत्र में 16 हजार परिवार हैं।
पंजाब में भ्रष्टाचार के खत्म होने के दावे हवाई बातें है। जब जनता कहेगी, तब माना जाएगा। सीएम ने कहा कि भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सरकार लगातार कार्रवाई कर रही है। स्टेट विजिलेंस कमेटी का डिविजन लेवल तक विस्तार किया है। इसके अतिरिक्त भ्रष्टाचार पर कार्रवाई करने के लिए राज्य स्तर पर हाई पावर कमेटी का गठन किया गया है। भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को चिन्हित कर उन पर कार्रवाई की जा रही है। अब तक नकल के 71 मामलों में 600 से ऊपर लोगों को पकड़ा है।