New Delhi/Alive News: सालभर में हर एक दिन का अपना महत्व होता है। आज 29 अप्रैल को हर साल अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य नृत्य की शिक्षा और उसके आयोजनों में भागीदारी के लिए प्रहोत्सान बढ़ाने के लिए मानाया जाता है। दुनिया के कोने-कोने में इस दिन को एक उत्सव की तरह मनाया जाता है। तो चलिए जानते हैं अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस के इतिहास और इस साल की थीम के बारे में।
क्या है इस बार की थीम
अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस के मौके पर हर साल एक थीम होती है। ठीक इसी तरह इस साल की थीम ‘पर्पज ऑफ डांस यानी नृत्य का उद्देश्य’ है। ये बात सभी जानते हैं कि नृत्य करने से तनाव दूर होने में मदद मिलती है। जिस वक्त पूरी दुनिया कोरोना वायरस महामारी से जूझ रही है, ऐसे में लोगों को तनाव में राहत देने के लिए इस बार की थीम ये रखी गई है।
ऐसे हुई शुरुआत
अंतरराष्ट्रीय नाट्य संस्थान ने साल 1982 में अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस को मनाने का फैसला किया था। आईटीआई यूनेस्को के कला प्रदर्शन की सहयोगी थी। वहीं, बात अगर इसकी करें कि इस दिन के लिए 29 अप्रैल ही क्यों चुना गया, तो आपको बता दें कि आईटीआई ने 29 अप्रैल को अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस आधुनिक बैली के निर्माता जीन जोर्जेस नोवेर को सम्मानित करने के लिहाज से इस दिन को चुना।
जीन जॉर्जेस नोवरे का इसी दिन यानी 29 अप्रैल को ही जन्मदिन होता है। ऐसे में उनकी जयंती के मौके पर पूरी दुनिया में इस दिन को नृत्य कला को प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है। इस दिन लोग अपनी नृत्य कला को दुनिया के सामने रखते हैं। कोरोना वायरस का असर अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस पर भी पड़ा है। ऐसे में लोग एक देश से दूसरे देश तो नहीं जा सकते, इसलिए इस दिन को भी बाकी चीजों की तरह ही वर्चुअल मंच पर ही मनाने का फैसला किया गया है।