Poonam Chauhan/Alive News : कपकपाती सर्दी में सुरज की तपन में बैठकर ठहाके लगाना और सारी जिम्मेदारियों को दरकिनार कर मूंगफली खाना…भला किसे पसन्द नहीं होगा, लेकिन सोचिए जरा जब ये नजारा किसी सरकारी अस्पताल या डिस्पेंसरी का हो तो बेचारे मरीजों का क्या होगा? जी हां, कुछ ऐसा ही नजारा आजकल सारन गांव की डिस्पेंसरी में देखने को मिल रहा है। क्योंकि यहां ना तो मरीजों को दवाईयां ही मिलती है, ना ही कोई जिम्मेदार स्टाफ मेंम्बर। डिस्पेंसरी का काम मानो भगवान भरोसे ही चल रहा है।
डिस्पेंसरी में पिछले काफी समय से हड़ताल के कारण दवाईयों का अभाव था, लेकिन हड़ताल के खत्म होने के बाद भी यहां पर्याप्त दवाईयां अभी तक नहीं आई है और जो दवाईयां है भी वह डिस्पेंसरी कर्मी उन्हे मरीजों को देना नहीं चाहते। आपको बता दे, 2 जनवरी मंगलवार के दिन करीब 12 बजे डिस्पेंसरी में दवा को लेकर मरीजों की भीड़ लगी रही। लेकिन सभी स्टाफ मेंम्बर धूप सेकने और मूंगफली खाने में व्यस्त दिखाई दिए। किसी ने भी मरीजों को दवां देने की जरूरत मेहसुस नहीं की। वहीं 3 जनवरी बुधवार के दिन करीब 11 बजे स्टाफ कर्मी पूनम और कमला धूप सेकते दिखाई दिए।
जब उनसे एक मरीज ने दवा देने को कहा तो डिस्पेंसरी कर्मी पूनम ने जवाब दिया कि दवा देने वाली मैडम एक नम्बर मार्किट गई हैं आने में 3 से 4 घण्टे लग जाऐंगे तब आना। उन्होंने कहा कि जिसकी डयूटी है वहीं दवा देगी, हम क्यों देंगे जाओं बाद में आना। ऐसे हालत यहां रोज देखने को मिलते है। स्वास्थ्य विभाग के कर्मी अपनी जिम्मेदारियों को किस प्रकार से निभा रहे है शायद इसकी खैर खबर लेने वाला कोई नहीं है।
– क्या कहते है मरीज
डबुआ के शशि प्रकाश का कहना है कि जब वह डिस्पेंसरी में दवा लेने आए तो पहले तो उन्हे दवा देने के नाम पर यहां से वहां घूमाया गया। फिर उन्हे डिस्पेंसरी कर्मी संजय के पास भेजा गया, लेकिन संजय ने उन्हे कहा कि दवा देने का काम उनका नहीं बल्कि कमला का है। शशि ने कहा कि दवा के नाम पर यहां मरीजों को ऐसे ही परेशान किया जाता है। वहीं सारन के सूरज का कहना है कि यहां दवाईयों के लिए साफ मना कर दिया जाता है दवाईयां होने के बावजूद भी उन्हे मरीजों को नहीं दिया जाता है।
– क्या कहते है अधिकारी
दवाईयां डिस्पेंसरियों में गुडगांव से डायरेक्ट पहुंचती है, अगर मरीजों को किसी कारणवश वहां पर मौजूद स्टाफ दवाई देने में लापरवाही बरतता है तो उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि सारन की डिस्पेंसरी में डॉक्टर की पोस्ट खाली है और जल्द ही वो पोस्ट भर दी जाएगी और मरीजों को जल्द राहत मिलेगी।
– डॉ. रमेश, डिप्टी सीएमओ, बादशाह खान अस्पताल।