November 16, 2024

जनता के प्रति अचानक उमड़ा मुख्यमंत्री जी का प्रेम कुछ हजम नहीं होता

रमन सिंह जी,
आपका ‘अचानक’ सुराज इन दिनों मीडिया में छाया हुआ है। आप ‘अचानक’ किसी भी गांव में चले जाते हैं, वहां ‘अचानक’ आपके अफ़सर मौजूद रहते हैं और ‘अचानक’ आसपास के गांव के लोग इक_े होते हैं और आप ‘अचानक’ उस गांव में सुराज स्थापित कर देते हैं। लोग ‘अचानक’ तालियां बजाते हैं।

15 साल के मुख्यमंत्री का यह ‘अचानक’ सुराज प्रभावित करने वाला है।
कल आपका हेलिकॉप्टर ‘अचानक’ खेतों में उतरा, आश्चर्य है कि वहां आपकी फोटो खींचने के लिए टीम पहले से ‘अचानक’ पहुंची हुई थी। गांव वाले बेचारे हेलिकॉप्टर देखने दौड़े तो आपकी टीम को लगा कि वे आपने मिलने भाग रहे हैं। वैसे उन्हें ‘अचानक’ कैसे पता चला कि हेलिकॉप्टर में मुख्यमंत्री ही आ रहे हैं? फिर आप ‘अचानक’ खेतों की मेढ़ों से होकर गांव पहुंचे। वहां भी फोटो लेने वाली और वीडियो बनाने वाली आपकी टीम ‘अचानक’ पहुंची हुई थी।

सुना है कि आपने ‘अचानक’ किसी ट्यूबवेल का पानी पी लिया और पाया कि पानी बहुत मीठा है। कई लोगों ने पूछा कि सुना है सुपेबेड़ा में दूषित पानी पीने से ही लोगों की किडनी खराब होती जा रही है तो क्या मुख्यमंत्री एक दिन ‘अचानक’ सुपेबेड़ा जाकर इसी तरह पानी पीकर दिखा सकते हैं?

अब ऐसे सवालों का क्या जवाब दें? आप एक ऐसे प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं जो 70 प्रतिशत ग्रामीण इलाकों में बसता है। अब आप गांव देहात जाएंगे तो मेढ़ों से ही जाना होगा। अब आप अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप या ब्रिटेन के राजघराने के वारिस तो हैं नहीं कि कभी मेढ़ों पर न चलें हों। हां मुख्यमंत्री बनने के बाद ज़रूर आपके पांव ज़मीन पर कम पड़ते हैं लेकिन इसमें खबर बनाने जैसी क्या बात हो गई?

कुछ लोग और कुछ समूह आपके ऐसे दीवाने हो गए हैं कि आप सांस भी छोड़ते हैं तो वे उसमें प्राणवायु महसूस करते हैं। हो सकता है कि ‘अचानक’ आपका प्रचार तंत्र उन्हें यह अहसास कराता हो।

आप इन दिनों कहीं ‘अचानक’ टेबल कुर्सी पर बैठकर बच्चों के साथ मिड डे मील ले रहे हैं तो कहीं ‘अचानक’ आत्मसमर्पित नक्सलियों के साथ भोजन करते हैं। कहीं‘अचानक’ अपनी कलम निकालकर किसी बच्चे को दे देते हैं तो बस्तर में ‘अचानक’ मोटरसाइकिल पर सवार हो जाते हैं।

पिछले साल भी आपने ‘अचानक’ सुराज स्थापित करने के लिए बड़ी मेहनत की थी। मुझे तस्वीरें याद हैं, एक दिन आप ‘अचानक’ एक गरीब के घर चाय पीने पहुंचे थे। ‘अचानक’ वहां मिनरल वॉटर की बोतल से चाय बनी थी। फिर एक दिन आपने किसी के घर ‘अचानक’ खाना खाने का फैसला किया था तो ‘अचानक’ एक चमकदार स्टील की थाली में आपने भोजन किया था। ऐसे ही एक दिन ‘अचानक’ आपने किसी का नया चमकता टिफिन लेकर खाना खा लिया था। फिर एक दिन ‘अचानक’ एक महिला ऑटो ड्राइवर के ऑटो रिक्शा में बैठकर चल पड़े थे।

‘अचानक’ आपकी तस्वीरें दिखाने की कोशिश कर रही हैं कि आप बेहद संवेदनशील, बहुत मिलनसार और एकदम ज़मीन से जुड़े हुए व्यक्ति हैं। अगर आप सच में ऐसे हैं तो फिर ये ‘अचानक -अचानक’ का सुराज क्यों कर रहे हैं मुख्यमंत्री जी? सरकार तस्वीरों से नहीं चलती और मुख्यमंत्री की छवि भी तस्वीरों से नहीं बदलती। ‘अचानक’ सुराज से न तो भ्रष्टाचार छिपता है और न कमीशनखोरी के आरोप धुलते हैं और न लोग किसानों की आत्महत्या भूलते हैं।

आपका यह प्रायोजित ‘अचानक’ सुराज लोगों को समझ में आ रहा है या नहीं? देखिएगा कि ‘अचानक’ जनता इस सुराज को गलत न समझ बैठे और चुनावों में आपकी पार्टी ‘अचानक’ सिर्फ तस्वीरों में ही बच जाए।