Bhopal/Alive News : मैडम, मैं दमोह से अभिषेक बोल रहा हंू। मैंने पेपर में विज्ञापन देखा है कि बिना 10वीं-12वीं पास किए ग्रेजुएशन में प्रवेश लें। क्या यह सही है ? ऐसा होता है क्या कि बिना बोर्ड परीक्षा दिए ग्रेजुएशन हो जाए? सोमवार को यह सवाल मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा छात्रों के लिए शुरू की गई हेल्पलाइन में पूछा गया। हेल्पलाइन शुरू होने के पहले ही दिन प्रदेशभर से करीब 400 कॉल आए।
बिना हाई स्कूल और हायर सेकंडरी परीक्षा पास किए ग्रेजुएशन के सवाल पर काउंसलर्स ने कहा कि यह भ्रामक विज्ञापन है। ऐसे विज्ञापनों के बहकावे में बिल्कुल ना आएं। छात्र से कहा गया कि वह अपनी बोर्ड परीक्षा के लिए मन लगाएं। इस तरह के विज्ञापन कॅरियर खराब कर सकते हैं। ये भोले-भाले छात्रों से पैसा ऐंठने का जरिया है।
पढ़ाई में मन नहीं लग रहा क्या करूं
काउंसलिंग में भोपाल के एक छात्र ने पूछा कि वह जो भी पढ़ता है भूल जाता है। कई बार पढऩे में मन नहीं लगता। इसके लिए क्या करूं। काउंसलर ने उससे कहा कि पढ़ाई के समय वह कॉपी-पेन लेकर बैठे। जिस पॉइंट पर भी वह अटक रहा है उसे कॉपी में लिखे। इसके बाद उसे रिकॉल करे अगर फिर वह उसी पर अटक रहा है तो कॉपी देखे। इस प्रक्रिया को अगर वह दोहराएगा तो यह समस्या आसानी से दूर हो जाएगी।
कुछ छात्रों ने सवाल किया कि उन्हें परीक्षा से डर लगता है। घबराहट होती है कि पता नहीं पेपर कैसा आएगा? काउंसलर्स ने कहा कि वे अपनी पढ़ाई पर फोकस करें। इसकी चिंता बिल्कुल न करें कि पेपर कैसा आएगा। पेपर सिलेबस में से ही आएगा कहीं बाहर से बनकर नहीं आएगा, इसलिए पढ़ाई करें अच्छे नंबर आएंगे। छात्रों ने यह भी पूछा कि अच्छे नंबर लाने के लिए उन्हें क्या करना चाहिए ? काउंसलर्स ने कहा कि पेपर में जो पूछा गया है उसके मुताबिक उत्तर दें।
लिखने पर ध्यान रखें इसी के साथ प्रश्न के मुताबिक शब्द सीमा भी देखें। जिन छात्रों को विषय संबंधित समस्या थी उन्हें विषय के शिक्षकों के नंबर भी दिए गए ताकि वे उनसे दिए गए समय पर सीधे बात कर सकें। काउंसलर्स ने बताया कि जैसे-जैसे परीक्षा का समय नजदीक आएगा कॉल करने वालों की संख्या भी बढ़ती जाएगी। गौरतलब है कि यहां तीन शिफ्टों में चार काउंसलर छात्रों-अभिभावकों की चिंता और समस्याओं का समाधान कर रहे हैं। यहां नीता तिवारी, शबनम खान आदि काउंसलिंग कर रही हैं।
ये मंत्र भी दिए
– हल्का भोजन लें, पर्याप्त नींद लें।
– परीक्षा से घबराएं नहीं पढ़ें, पेपर सिलेबस मे से ही आएगा।
– जहां अटकते हैं या कमजोर हैं, उसे कॉपी में लिखें।
– पढऩे के बाद रिवीजन जरूर करें।
– प्रश्न के मुताबिक उत्तर लिखें, शब्द सीमा का ध्यान रखें।
– किताब से भी पढ़ें, कई बार प्रश्न पाठ के बीच में से भी पूछे जाते हैं।
– पढ़ाई के बीच थोड़ा अंतराल लें।