Faridabad/Alive News: मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स ने सर्जरी से पहले और बाद में अपने अनुभवों को साझा करने के लिए मरीजों और उनके को आमंत्रित कर लिवर प्रत्यारोपण की सफलता का जश्न मनाया। मरीजों ने अपने जीवन के अनुभवों को साझा किया।
मरीजों के साथ टीम का नेतृत्व मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स में लिवर ट्रांसप्लांट विभाग के डायरेक्टर एवं एचओडी डॉ. पुनीत सिंगला ने किया। डॉ ऋषभ जैन, डायरेक्टर, एनेस्थेटिस्ट और आईसीयू केयर सर्जरी सहित अन्य मौजूद रहे। डॉक्टरों की मानें तो लिवर व्यक्ति के शरीर में सबसे बड़े अंगों में से एक है और भोजन का पाचन, रोग प्रतिरोधक क्षमता और मेटाबॉलिज्म ठीक बनाए रखने का कार्य करता है।
ट्रांसप्लांट की नौबत जीवनशैली से जुडी कुछ स्वास्थ्य समस्याओं (मोटापा, हाई, डायबिटीज), संक्रमण की चपेट में आने और लिवर की बीमारी के कारण भी आ सकती है। 40 वर्षीय सतविंदर सिंह (बदला हुआ नाम) मरीज डॉ. पुनीत के पास लाया गया था। ऐसे मरीजों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना (शिफ्ट करना) अपने आप में एक कठिन और जोखिम भरा काम है, उन्हें लगभग 400 किलोमीटर से सफलतापूर्वक स्थानांतरित कर दिया गया।
डायरेक्टर एवं एचओडी-लिवर ट्रांसप्लांट
डॉ पुनीत सिंगला ने कहा कि जब एक सर्जन अपने द्वारा अंग प्रत्यारोपण के माध्यम से इलाज किए गए मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य स्थिति में देखता है तो उसके लिए इससे बढ़कर कुछ और नहीं हो सकता है। लिवर शरीर का एकमात्र ऐसा अंग है जिसमें फिर से आकार में बढ़ने की अदभुत क्षमता है। दूसरे शब्दों में, लिवर फिर से बढ़ जाता है। फिर से आकार में बढ़ने की अदभुत क्षमता के कारण ही आंशिक लिवर प्रत्यारोपण संभव है। इस दौरान मरीजों के परिजनों को भी जागरूक किया गया।