November 17, 2024

खोरी गांव में पिछले कई दिनों से चल रही तोड़फोड़ हुई संपन्न : पुलिस प्रवक्ता

Faridabad/Alive News : खोरी तोड़फोड़ कार्रवाही में पुलिस की तरफ से कमान संभाल रही महिला पुलिस अधिकारी डॉ. अंशु सिंगला ने अपनी टीम का नेतृत्व करते हुए दिन प्रतिदिन नई ऊर्जा और रणनीति के साथ बखूबी अपने दायित्व का निर्वाह किया है। इस कार्य में डीसीपी सेंट्रल मुकेश मल्होत्रा, डीसीपी क्राइम अधिकारी जयबीर सिंह एवं ट्रैफिक अधिकारी सुरेश कुमार ने भरपूर सहयोग किया।

दरअसल ,सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद खोरी गांव में तोड़फोड़ कार्रवाही के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने की तमाम जिम्मेवारी पुलिस आयुक्त ने डॉ. अंशु सिंगला को सौंपी थी। यह प्रोजेक्ट उपायुक्त के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण थी। क्योंकि एक तरफ तोड़फोड़ की कार्रवाई जारी थी दूसरी तरफ पुलिस के प्रति लोगों के आक्रोश के मद्देनजर कानून व्यवस्था को बनाए रखना था।

वहीं प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाने के लिए पहले खोरी निवासियों से अनुरोध किया गया कि वह वहां से पलायन करना शुरू कर दें। इसके लिए प्रशासन ने समाचार पत्रों, पब्लिक नोटिस, प्रेस कॉन्फ्रेंस किया और घर घर जाकर भी लोगों से यह आग्रह किया गया की वह अपने सामान के साथ तुरंत यहां से पलायन करना शुरू कर दें।

डॉ. सिंगला के नेतृत्व में ड्रोन के माध्यम से पूरे इलाके का डेटा एकत्रित किया गया और उसी डेटा के आधार पर खोरी में तोड़फोड़ की योजना बनाई। पता ड्रोन द्वारा किए गए सर्वे से पता चला की खोरी में कुल 6,663 यूनिट जमीन की खपत हो रही है। लोगों को मकान खाली करने के लिए अच्छी खासी मोहलत दी गई तथा तोड़फोड़ की निगरानी ड्रोन द्वारा की गई और तोड़फोड़ कार्रवाही के दौरान मीडिया सहित अन्य लोगों के प्रवेश को भी बाधित किया गया।

पुलिस उपायुक्त ने हर रोज अपनी निगरानी में तोड़फोड़ की कार्यवाही को मॉनिटर किया व रेड क्रॉस सोसायटी के सहयोग से सीपी साहब के निर्देश पर मानवता के नाते खोरी वासियों के लिए थाना सुरजकुण्ड पुलिस द्वारा समय -समय पर खाने व रहने की व्यवस्था भी की गई।

इस पूरी प्रक्रिया के दौरान कोविड-19 नियमो का पालन करना एक अलग चुनौती बनकर सामने आया। बावजूद इसके डॉ. अंशु सिंगला ने वहां मौजूद अधिकारियों, वहां रहने वाले लोगों को व पुलिस प्रशासन के लोगों के बीच सामाजिक दूरी का पालन करवाने की भी कोशिश की, ताकि किसी को भी महामारी से ना जूझना पड़े।

वहां पर नियुक्त की गई महिला अफसरों के लिए शौचालय वगैरह की व्यवस्था भी बनाए रखना एक चुनौती थी। उन्होंने यह भी बताया कि इतना बड़ा प्रोजेक्ट फरीदाबाद कमिश्नर ओपी सिंह के सहयोग के बिना पूरा नहीं हो सकता था। किसी भी तरह की जान माल की हानि के बिना लोगों को विनम्रतापूर्वक वहां से पलायन करवाना डॉ. अंशु सिंगला के हिसाब से सबसे बड़ी चुनौती थी।

वहीं डॉ. सिंगला ने बताया कि नगर निगम आयुक्त डॉक्टर गरिमा मित्तल के साथ उनका तालमेल बहुत बेहतरीन रहा था और उन्होंने मीडिया का धन्यवाद करते हुए कहा कि मीडिया ने प्रशासन के संदेश को स्पष्ट शब्दों में जनता तक बहुत ही कम समय में पहुंचा कर प्रशासन की बहुत मदद की है। वहीं खोरी में तैनात सभी पुलिस कर्मियों ने अपनी ड्यूटी का भी पूरी ईमानदारी के साथ निभाया है। डॉ. सिंगला ने बताया कि कई बार पुलिस को क्रूर समझा जाता है लेकिन अपनी ड्यूटी के दायरों में इंसानियत को भी जिंदा रखते हुए पुलिसकर्मियों ने खोरीवासियों के लिए खाने की व्यवस्था की तथा उनका सामान उठाने में उनकी मदद भी की है।

खोरी के अनुभव के बारे में बात करते हुए डॉ. अंशु सिंगला काफी भावुक हो गई और उन्होंने कहा कि पुलिस ने इस समय दमदार भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि पुरुष पुलिसकर्मियों के साथ-साथ महिला पुलिसकर्मी भी इस बड़े प्रोजेक्ट में कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रही है। डॉक्टर अंशु सिंगला डीसीपी ने इस सफलता का श्रेय और सीपी साहब के मार्गदर्शन और ड्यूटी पर मौजूद सभी पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को दिया।