March 6, 2025

जिले के मॉडल संस्कृति स्कूलों की वास्तविक तस्वीर आई सामने, विद्यार्थियों को आज भी सुविधाओं का इंतजार 

Faridabad/Alive News: जिले के मॉडल संस्कृति स्कूलों में विद्यार्थियों को जरूरी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। इसका खुलासा आरटीआइ में हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक मॉडल संस्कृति स्कूलों में प्रैक्टिकल के लिए फिजिक्स, कैमिस्ट्री और बायोलॉजी लैब नहीं है। कंप्यूटर और लैंग्वेेज लैब एक की कमरे में चल रही हैं। सुविधाओं के अभाव में विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।  

जिले में वर्तमान में छह मॉडल संस्कृति स्कूल चल रहे हैं। बल्लभगढ़ सेक्टर-55 स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय को वर्ष 2016 में विकसित किया गया था। इसके बाद वर्ष 2020 में नंगला गुजरान स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, तिगांव स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, एनआइटी तीन स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, मेवला महाराजपुर के राजकीय विद्यालय और तिगांव रोड स्थित राजकीय को मॉडल संस्कृति स्कूल में परिवर्तित किया गया। लेकिन अभी तक इन स्कूलों में शिक्षा निदेशालय और सरकार सभी सुविधाएं नहीं दे पाया है। 

विद्यार्थियों की संख्या अनुसार कंप्यूटर नहीं, अध्यापकों की भी कमी: एनआइटी-तीन स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल के लैब में विद्यार्थियों की संख्या के अनुसार कंप्यूटर नहीं हैं। वहीं माडल संस्कृति स्कूल नंगला गुजरान में डिजिटल कमरें नहीं है। तिगांव के स्कूल में एक की कमरे में फिजिक्स, कैमिस्ट्री और बायोलॉजी विषय के प्रैक्टिवल के लिए एक ही लैब है। स्कूलों में खेल नर्सरियां नहीं है। जिससे उभरती खेल प्रतिभाओं को मंच नहीं मिल पा रहा है। खेल विद्यार्थियों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए बेहद जरूरी हैं। लेकिन स्कूल में उन्हें यह सुविधा भी नहीं मिल पा रही है। 

आज तक नहीं लगे सीसीटीवी कैमरे, वाईफाई की भी सुविधा नहीं: मॉडल संस्कृति स्कूलों में कूलर, बायोमैट्रिक, सीसीटीवी कैमरे तथा वाइफाइ की सुविधा भी नहीं है। स्कूलों में विद्यार्थियों की सुविधा के लिए सोलर पैनल लगाए जाने थे। जिससे गर्मियों में बिजली कटौती के दौरान अध्यापकों और विद्यार्थियों को परेशानी न हो। लेकिन आज तक स्कूलों में सोलर पैनल नहीं लगे हैं। स्कूलों में स्मोक डिटेक्टर और अलार्म भी नहीं है। स्मोक डिटेक्टर एक उपकरण है जो खास तौर पर आग के सूचक के रूप में धुएं का पता लगाता है। आरटीआई में स्कूलों में दी जा रही सुविधाओं की जानकारी मांगी गई थी, उस जानकारी में मॉडल संस्कृति स्कूलों की असली तस्वीर सामने आई है। बल्लभगढ़ स्थित मॉडल संस्कृति स्कूल ने जानकारी साझा नहीं की है।

हजारों विद्यार्थी के भविष्य के साथ हो रहा खेल

मॉडल संस्कृति स्कूलों में  विद्यार्थियों को सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। आरटीआइ में हुए खुलासे चौकाने वाले हैं। विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। बिना नार्मस पूरे कि स्कूलों को मान्यता और एनओसी कैसे मिली है। इस प्रकार से सरकार और शिक्षा विभाग विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। 

-रविंद्र चावला, आरटीआइ एक्टीविस्ट।

अधिकारी से बातचीत 

आरटीआई में मॉडल संस्कृति स्कूलों की जानकारी मांगी गई थी। स्कूलों द्वारा सभी जानकारी साझा कर दी गई है। स्कूलों में जो सुविधाएं नहीं है उनके लिए शिक्षा निदेशालय को लिखा गया है। 

-अजीत सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी।