Faridabad/Alive News: ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे पर मोहना गांव में कट बनाने की मांग को मंजूरी दे दी है। किसानों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत भी किया है लेकिन अभी किसानों ने अपना धरना खत्म करने की घोषणा नहीं की है। किसानों ने मोहना कट बनाने का स्वीकृति प्रमाण पत्र मिलने तक धरना जारी रखने का फैसला लिया है। इस संबंध में शुक्रवार को किसान केंद्रीय राज्य मंत्री से मिलने उनके कार्यालय पर भी पहुंचेंगे।
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे पर मोहना गांव में कट की मांग को लेकर करीब 20 से अधिक गांव के हजारों लोग धरना स्थल पर बैठे थे। इस दौरान गांव के लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा। ग्रामीणों ने अपना कामकाज छोड़कर भीषण सर्दी, गर्मी और बरसात में भी धरना जारी रखा। कामकाज ठप होने से लोगों को आर्थिक तंगी का भी सामना करना पड़ा। इसमें गांव की महिलाओं ने भी बढ़चढ़ कर भाग लिया। इस साल के संघर्ष में चुनाव के समय ग्रामीणों पर कई तरह के आरोप लगाए गए। इसके अलावा धरना खत्म करने के लिए लोगों पर काफी दबाव भी डाला गया।
मोहना से होकर गुजर रहे ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे पर कट की मांग को लेकर किसानों ने केजीपी एक्सप्रेसवे पर जाम लगाया था। इस मामले में गांव के लगभग 250 लोगों पर केस दर्ज हैं। धरने पर बैठे कई लोगों की तबीयत भी बिगड़ गई। बावजूद इसके गांव के लोगों ने हिम्मत नहीं हारी और एकजुट होकर संघर्ष करते रहे। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने भी ग्रामीणों के धरने को विपक्ष की चाल बताया था। गांव के लोगों ने एक वर्ष में काफी उतार- चढ़ाव देखा है। अब जाकर ग्रामीणों की जीत सुनिश्चित हुई है।
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मोहना गांव में कट से फायदा
मोहना गांव में ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे पर कट बनने से मोहना, छांयसा, हीरापुर, नरियाला, पन्हैडा खुर्द, पन्हैडा कलां, महमदपुर, जवां, अटेरना, जलहाका, कुलैना, अमरपुर, भंमु का नंगला, सुनहरी का नंगला, घाघोट, गोपी खेड़ा, बलई, थंथरी, हसापुर, कटेसरा, पंचायती झुग्गी सहित आसपास के एक दर्जन से अधिक गांव के लोग सीधे जेवर एयरपोर्ट और नोएडा जा सकते हैं।
कट न बनने से नुकसान
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 31.1 किलोमीटर है। मोहना गांव ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का केंद्र बिंदु है। यहां कट न बनने से 20 से अधिक गांव के लोगों को नोएडा और जेवर एयरपोर्ट जाने के लिए 15 किलोमीटर की दूरी तय कर पहले फरीदाबाद में बने इंटर चेंज पर आना पड़ता या छांयसा जाना पड़ता। वहां से लोग ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे पर चढ़ कर फिर नोएडा और जेवर एयरपोर्ट पहुंचते। इसमें काफी समय बर्बाद होता। इस कट के बनने से कई गांव के लोगों को राहत मिलेगी।
क्या कहना है ग्रामीणों का
एक वर्ष के संघर्ष के बाद सरकार ने फैसला ग्रामीणों के हक में दिया है। इससे वह काफी खुश हैं लेकिन स्वीकृति प्रमाण पत्र मिलने तक धरना जारी रहेगा। इस संबंध में शुक्रवार को केंद्रीय राज्य मंत्री से भी मुलाकात करेंगे।
-विरेंद्र सिंह, अटाली गांव।
नोएडा और जेवर हवाई अड्डे तक पहुंचने के लिए गांव में कट बनना बहुत जरूरी था। यहां एक वर्ष से धरने पर बैठे हैं। मंजूरी के बाद राहत की सांस ली है।
-ईश्वर नंबरदार, प्रधान- मोहना कट धरना संघर्ष समिति।