New Delhi/Alive News : आज तक आपने लोगों के मुंह से कामयाब ना होने का कारण संसाधनों की कमी या अन्य कोई वजह के बारे में सुना होगा। वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग ऐसे भी है जिनका मानना है इंसान को मिलने वाली सुख सुविधाएं इंसान को निकम्मा बना देती है। लेकिन इन सब के बीच इन दोनो सोचो को एक युवक ने गलत साबित कर दिखाया है। उनकी मेहनत और सफलता की कहानी बेहद ही दिलचस्प होने के साथ- साथ प्रेरणा से भरी हुई है।
रेलवे स्टेशन पर कुली रह चुके केरल के श्रीनाथ पहले ऐसे IAS अधिकारी होंगे। जिन्होने ने रेलवे स्टेशन पर कुली का कार्य करते हुए स्टेशन के Free WiFi से UPSC की पढ़ाई करके इस चक्रव्यूह को ना केवल भेदा है। बल्कि IAS अधिकारी बनकर दिखाया है। एक तरफ जहां हर साल लाखों लोग इस कठिन परीक्षा को पास करने के एक से बढ़ कर एक कोचिंग इंस्टिट्यूट का सहारा लेते हैं। वहीं केरल के श्रीनाथ ने इस कठिन परीक्षा को बिना किसी कोचिंग के ही पास कर लिया था। इससे भी बड़ी बात ये है कि श्रीनाथ ने जब इस कठिन परीक्षा की तैयारी शुरू की तब वह रलवे स्टेशन पर कुली का काम करते थे। पहले केरल पब्लिक सर्विस कमीशन और फिर UPSC में कामयाबी पाने वाले श्रीनाथ मुन्नार के मूल निवासी हैं।
आर्थिक रूप से कमजोर परिवार में जन्मे श्रीनाथ ने अपना परिवार चलाने के लिए एर्नाकुलम स्टेशन पर कुली का काम किया। परिवार के इकलौते कमाऊ श्रीनाथ ने साल 2018 में ये फैसला लिया कि वह कड़ी मेहनत कर के कोई बड़ा पद पाएंगे। जिससे कि उनकी आय बढ़े और वह अपनी बेटी का भविष्य उज्ज्वल बना सकें। इसके बाद उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा देने का मन बनाया लेकिन उनकी आर्थिक कमजोरी उनके राह का सबसे बड़ा रोड़ा बन कर खड़ी थी।
श्रीनाथ कोचिंग सेंटर की फीस नहीं दे सकते थे और उनके मन में यही बात थी कि बिना कोचिंग सेंटर के वह इस कठिन परीक्षा को पास ना कर पाएंगे। यही वजह रही कि उन्होंने KPSC की तैयारी करनी शुरू कर दी।
उन्होंने इसी वाई-फाई से अपने स्मार्ट फोन पर पढ़ाई शुरू कर दी। ये फ्री वाईफाई उनके लिए किसी वरदान से कम नहीं था। वो यहां कूली का काम करते और समय मिलते ही ऑनलाइन लेक्चर सुनने लगते। अपनी इस लगन और मेहनत के दम पर श्रीनाथ ने KPSC में सफलता हासिल कर ली। यहां से उनके मन में ये विश्वास आ गया कि वह इसी तरह फ्री वाईफाई की मदद से यूपीएससी की परीक्षा भी पास कर सकते हैं।
श्रीनाथ ने स्टेशन पर लगे वाईफ़ाई की मदद से तैयारी करनी शुरू की। हालांकि बिना किसी कोचिंग के ये इतना आसान नहीं था। तभी तो श्रीनाथ के हाथ पहले 3 प्रयास में असफलता लगी लेकिन वह हिम्मत नहीं हारे और नतीजा ये रहा कि उन्होंने अपने चौथे प्रयास में इस कठिन परीक्षा को पास कर लिया। श्रीनाथ ने आईएएस बन कर उन लाखों छात्रों के लिए एक मिसाल कायम कर दी है जो सोचते हैं कि गरीबी उन्हें आगे नहीं बढ़ने देगी।