Faridabad/Alive News : विश्व मृदा दिवस के अवसर पर के.वी. के फरीदाबाद द्वारा अपने प्रांगण में विश्व मृदा दिवस का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का शुभारंभ धरती पुत्रो को नमन: करते हुए सायल हैल्थ कार्ड स्कीम के अन्तर्गत किसानो की मदद के लिए अनूठा प्रयास किया गया। इस कार्यक्रम में के.वी.के. के कृषि वैज्ञानिकों डॉ. राजेन्द्र कुमार, डॉ. अशोक देसवाल द्वारा मिट्टी पानी जांच करवाने हेतू नमूने लेने की विभिन्न विधियो पर महत्वपूर्ण जानकारी दी गयी। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता गांव नचौली के सरपंच एवं तिगांव निगरानी कमेटी के चेयरमैन सुधीर नागर मुख्य रूप से उपस्थित थे।
इस अवसर पर कृषि वैज्ञानिकों डॉ. राजेन्द्र कुमार, डॉ. अशोक देसवाल ने सायल हैल्थ कार्ड बनाने की महत्ता के बारे में जानकारी दी। इस विषय पर केन्द्र के पूर्व प्रभारी व मृदा वैज्ञानिक डॉ. आर.एस. रमन ने उपस्थित किसानो को विस्तारपूर्वक खादा की मात्रा से खेती की लागत कम करके अपनी आय बढ़ा सकते है। केंद्र के विस्तार शिक्षा वैज्ञानिक डॉ. विजयपाल यादव ने खेती के लिए कृषि सूचना तकनीक की महत्ता व किसानो की आय दुगुनी करने के लिए विभिन्न कृषि तकनीकियों के बिन्दुओं पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सुधीर नागर ने कि वे सरकार द्वारा चलाई जा रही कृषि व किसान कल्याण योजनाओं का लाभ उठाये। के वी के से वे लगातार सम्पर्क में रहे। किसान अपनी जमीन का सायल हैल्थ कार्ड बनवाये व इस कार्ड के अनुसार खाद व उर्वरकों का प्रयोग उत्पादन लागत कम करने के लिए, उत्पादन बढाने के लिए व किसानो की आय बढ़ाने के लिए करे।
केन्द्र के वरिष्ठ समन्वयक डॉ. आर.बी.गुप्ता ने मुख्य अतिथि व किसानो का स्वागत करते हुए बताया कि किसान भाई कृषि में विविधकरण अपनाकर जैसे बागवानी, मधुमक्खी पालन, डेयरी पालन, खुम्बी उत्पादन, फूलो की खेती से अपनी आय दुगुनी कर सकते हैं।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि द्वारा सतवीर गांव चीरसी, रामचन्द्र डैकोला, सूरज बहादुरपुर व हरिसिंह गांव नचौली के किसानो को सायल हैल्थ कार्ड दिये गये।
कार्यक्रम में जिले के लगभग 300 किसानो, महिलओ सहित गांव बदरपुर के प्रगतिशील किसान देवराज, गांव मोहना के सर्वेश गांव फतेहपुर के आजाद सिंह, चिरसी गांव के बबलू नंबरदार, छांयसा के देवीराम सैनी, भोपानी गांव के बुदासिंह, नाचौेली गांव के दयाराम, महावतपुर के कृष्ण चौहान, डैकोला के अशोक व कैलाश ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में के.वी.के के अन्य वैज्ञानिको श्रीमती सुनीता चावला व डॉ. जे एन यादव का सहयोग रहा।