Faridabad/Alive News : ओल्ड फरीदाबाद स्थित पथवारी मंदिर पर लगने वाले ऐतिहासिक पंखा मेला की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस बार पंखा मेला को समाजसेवी ओपी भाटी के नेतृत्व में दर्जनों अन्य समाजसेवियों ने उठाया है जिसे मंदिर से उठाकर ओल्ड बाजार होते हुए सेक्टर-18 हुडा मार्किट स्थित समाजसेवी के कार्यालय पर रखा गया है। जहां अब 26 अगस्त तक रोजाना पथवारी मईया की पूजा अर्चना की जायेगी और उसके बाद हरिद्वार से नया मईया का पंखा बनकर आयेगा, जिस परतीन दिवसीय पंखा मेले का आयोजन होगा। बड़ी बात तो ये है कि मईया के पंखा को बनाने वाले मुस्लिम समुदाय के कारीगर हैं।
हर बार धर्म और पंखा मेले के नाम पर ओल्ड फरीदाबाद के पथवारी मंदिर में राजनीति की जाती है, मगर इस बार ये ऐतिहासिक पंखा मेला बिन राजनीति के सम्पन्न होगा। ऐसा कहना है समाजसेवी ओपी भाटी का। ओ.पी भाटी के नेतृत्व में पथवारी मंदिर से पंखा मेला की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। ओ.पी भाटी दर्जनों समजसेवी और धार्मिक लोगों के साथ पथवारी मंदिर पहुंचे और पंखा को उठाकर ढोल नगाडों के साथ ओल्ड फरीदाबाद बाजार होते हुए सेक्टर-18 हुडा मार्किट कार्यालय पर ले आये, जहां अब 26 अगस्त तक रोजाना मईया पथवारी की पूजा अर्चना की जायेगी। पंखा मेला की जिम्मेदारी लेने के दौरान लोगों ने आपस में लड्डू वितरण कर खुशी भी जताई।
इस बार पंखा मेला की जिम्मेदारी उठाने वाले समाजसेवी ओपी भाटी ने कहा कि हर साल पथवारी मंदिर पर पंखा मेले को लेकर राजनीति की जाती है मगर इस बार का मेला बिन राजनीति के सम्पन्न होगा, मेले की जिम्मेदारी इस बार उनके साथ दर्जनों समाजसेवी और धार्मिक लोगों ने उठाई है जिसकी जल्द एक नई कमेटी तैयार की जायेगी और फिर बडी ही धूमधाम से पंखा मेला आयोजन किया जायेगा।
पंखा मेले की शुरूआत
बुजुर्गो ने बताया कि लगभग 300 वर्ष पहले ओल्ड फरीदाबाद में महामारी फैली थी। इस दौरान आकाशवाणी भी हुई, इसके बाद महामारी से बचने के लिए लोगों ने देवी मां के दरबार में पंखा चढ़ाने और पंखा मेला के आयोजन की परंपरा की शुरूआत की थी, जो आज भी कायम है।
वहीं समाजसेवी जवाहर ठाकुर की माने तो आज से पंखा मेला की प्रक्रिया शुरू हो गई है अब सभी लोग मिलकर बैंड बाजे, ढोल तासे बुक करेंगे, दूर दराज के लोगों को निमंत्रण दिये जायेंगे औैर इस बीच नई मेला कमेटी भी गठित की जायेगी। पंखा मेला कि इस प्रक्रिया में जवाहर ठाकुर, गुरु सुखदेव जी, के पी भाटी, हरपाल भाटी , शंकर चौहान, बीरेंद्र चौहान, योगी गर्ग, सुनील ठाकुर, राहुल ठाकुर, प्रवीन वशिष्ठ, रमेश जांगड़ा, एस के माहेश्वरी, वीरू ठाकुर, महेन्द्र ठाकुर, मुकेश बंसल सहित दर्जनों धार्मिक लोग मुख्य रूप से शामिल रहे ।