Faridabad/Alive News: ईएसआई हॉस्पिटल के चिकित्सकों को अन्य जिले में 2 महीने के लिए भेजने के हरियाणा सरकार के आदेश का सामाजिक संगठन सेव फरीदाबाद ने पुरजोर विरोध किया है। सेव फरीदाबाद के संयोजक पारस भारद्वाज ने इसे बहुत ही निंदनीय और फरीदाबाद की जनता के लिए संवेदनहीन बताया है।
उन्होंने कहा कि फरीदाबाद की जनसंख्या व जनसंख्या घनत्व पूरे हरियाणा में सबसे ज्यादा है। फ़रीदाबाद एक औद्योगिक नगर है। जहां मजदूर और फैक्ट्रियों में काम करने वाला तबका सबसे ज्यादा रहता है। बस्तियों और कॉलोनियों की अधिकता के कारण यहाँ संक्रमण का खतरा सबसे ज़्यादा है। इसी वजह से अन्य जिलों के मुकाबले फरीदाबाद में कोविड का असर सबसे ज्यादा देखने को मिला।
ऐसे शहर के चिकित्सकों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को इस महामारी के दौरान कहीं और स्थानांतरित करना हरियाणा सरकार की फरीदाबाद के प्रति सौतेली मानसिकता को दर्शाता है। सरकारी चिकित्सकों के अभाव में मजबूर गरीब आदमी को निजी अस्पतालों में जाना पड़ेगा जहाँ का खर्चा वह वहन नहीं कर सकता।
इस निर्णय को निजी अस्पतालों का षड्यंत्र बताते हुए पारस ने कहा कि पूरे कोरोना काल में इन अस्पतालों ने सरकारी आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए मनमाने रेट पर इलाज की आड़ में जनता का शोषण किया है। सरकार ने किसी भी अस्पताल के खिलाफ कार्यवाही करना तो दूर बल्कि उनको बढ़ावा देने के लिए फरीदाबाद से भारी मात्रा में सरकारी स्वास्थ्य कर्मी छीन लिए।
उन्होंने वर्तमान में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के अधीन खाली पड़ी सन फ्लैग की इमारत में सरकारी अस्पताल खोलने की मांग रखते हुए कहा कि प्रतिदिन बढ़ते फरीदाबाद शहर को केवल एक बी के अस्पताल से काम चलाना पड़ता है। ओल्ड फरीदाबाद व ग्रेटर फरीदाबाद के लिए अलग से एक सरकारी अस्पताल की व्यवस्था सरकार को तुरंत करनी चाहिए जिसके लिए सेक्टर 16 स्थित सनफ्लैग एक उत्तम स्थान है।
सेव फरीदाबाद द्वारा सन फ्लैग की खाली पड़ी इमारत में सरकारी अस्पताल खोलने के पक्ष में शहर भर में www.savefaridabad.com लिंक के माध्यम से एक हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा । सेव फरीदाबाद का मानना है कि सभी जन प्रतिनिधियों को इन मुद्दों पर आवाज उठानी चाहिए ताकि फरीदाबाद की जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ ना हो।