November 18, 2024

इस University में पढ़ाई जाएंगी RSS के विचारकों की किताबें, वामपंथी संगठन ने जताई आपत्ति

Thiruvananthapuram/Alive News : केरल के कन्नूर विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख विचारकों एम.एस. गोलवलकर, वीर सावरकर और दीनदयाल उपाध्याय की किताबों को पढ़ने की सिफारिश की गई है. इस सिफारिश पर वामपंथी छात्र संगठन स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) ने आपत्ति जताते हुए सवाल खड़े किए हैं.

RSS के विचारकों की किताबों की सिफारिश
रिपोर्ट के मुताबिक यूनिवर्सिटी ने लोक प्रशासन में शुरू किए गए मास्टर कोर्स के पाठ्यक्रम में RSS के प्रमुख विचारकों की किताबें पढ़ाने के लिए यह सिफारिश की है. इन पुस्तकों को पाठ्यक्रम के तीसरे सेमेस्टर में पढ़ाया जाएगा. इस समय यह पाठ्यक्रम केवल कन्नूर जिले के तेलीचेरी के गवर्नमेंट ब्रेनन कॉलेज में पढ़ाया जाता है. इस कोर्स में रवींद्रनाथ टैगोर, जवाहर लाल नेहरू, महात्मा गांधी और अन्य महान शख्सियतों की किताबें पहले से पढ़ाई जा रही हैं.

SFI ने उठाई फैसले पर आपत्ति
वामपंथी छात्र संगठन स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) ने यूनिवर्सिटी की इस सिफारिश पर आपत्ति जताई है. SFI से जुड़े कन्नूर विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष एम.के. हसन ने कहा कि इस सिफारिश को वापस लिया जाना चाहिए. यह हायर एजुकेशन का मजाक बनाने जैसा है.

‘इन लोगों ने समाज का किया नुकसान’
एम. के. हसन ने कहा, ‘संघ के नेताओं की किताबों को तुलनात्मक साहित्य खंड में शामिल किया गया है. जब इसे विस्तार से पढ़ाया जाएगा, तब पता चलेगा कि इन लोगों ने समाज का क्या नुकसान किया है. हम पहले ही इस पर कई दौर की चर्चा कर चुके हैं और अब हम इस पर सार्वजनिक बहस करने जा रहे हैं.’

पूर्व प्रोफेसर ने जताया फैसले पर दुख
कालीकट विश्वविद्यालय में मलयालम के पूर्व प्रोफेसर एम.एन. करसेरी ने इस सिफारिश पर दुख जाहिर किया है. करसेरी ने कहा, ‘यह चौंकाने वाली खबर है. ऐसा नहीं होना चाहिए था. मुझे दृढ़ता से लगता है कि यह सिर्फ एक परीक्षण का मामला है, जो स्टोर में है. इसके पीछे जो लोग हैं वे पानी का परीक्षण करने की कोशिश कर रहे हैं.’ मीडिया ने कन्नूर यूनिवर्सिटी के कुलपति गोपीनाथ रवींद्रन से इस बारे में संपर्क करने की कोशिश की. लेकिन उन्होंने इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं की.