November 18, 2024

पृथला विधानसभा के गांव सरूरपुर के लोगों का फूटा गुस्सा, गांव में सड़क और पानी निकासी नही तो वोट नही

Faridabad/Alive News: पृथला विधानसभा में पड़ने वाले सरूरपुर गांव की दशा पिछले कई महीनों से जस की तस बनी हुई है। गांव में सड़क और पानी निकासी की कोई समुचित व्यवस्था न होने के कारण गांव का प्रवेश द्वार कहे जाने वाली मुख्य सड़क पर मंदिर के सामने दो से तीन फीट पानी भरा रहता है। ऐसे में गांववासियों को ठिठुरती हुई ठंड में न चाहते हुए भी इसी गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ रहा है और काफी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ रहा है। जिस कारण गांव के लोगों में विधायक नयनपाल रावत और प्रशासन के खिलाफ काफी गुस्सा है।

गंदे पानी की उचित व्यवस्था न होना
गांव के मुख्य मार्ग के एक तरफ छोटा पोखर है। जो बरसात के दिनों में लबालब पानी से भरा रहता है और पोखर का पानी ओवरफ्लो होने के बाद गांव के मुख्य मार्ग भर जाता है, गंदा पानी दो से तीन फीट लगातार कई महीनों तक भरा रहता है। जिसका मुख्य कारण है गांव में शासन प्रशासन द्वारा उचित पानी निकासी की व्यवस्था ना करना है।

टूटी फूटी सड़के, उनमें भरा गंदा पानी
सरूरपुर गांव में पानी निकासी ही नही बल्कि यहां की टूटी फूटी सड़को की समस्या भी बहुत बड़ी है। सरूरपुर गांव की प्रत्येक सड़क की दशा बहुत ही दयनीय है। गांव की सड़कों पर जगह जगह बड़े बड़े गड्ढे मौजूद है। वहीं सड़कों पर दो से तीन फीट गंदा पानी भरा होने के कारण लोग आए दिन इन गड्डो में गिरकर चोटिल होते रहते है।

कई महीने बीतने के बाद भी नही मिली कोई सुविधा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंत्री बनने के बाद गांवों के विकास के लिए आदर्श ग्राम योजना की घोषणा की थी। जिसके बाद गांववासियों में एक आस जगी थी कि उन्हें भी हाइटेक सुविधाओं का लाभ मिलेगा, लेकिन कई महीने बीतने के बाद भी गांव में ना तो विकास कार्य शुरू हुआ और नही लोगों को किसी प्रकार की कोई सुविधा मिली। आज भी सरूरपुर गांव की दशा ज्यों की त्यों बनी हुई है।

गांव के विकास कार्य में नेता नही दिखा रहे दिलचस्पी
वहीं सरूरपुर गांव के पूर्व सरपंच ताराचंद मलिक का कहना है कि गांव के विकास कार्यो को लेकर ना तो विधायक कोई दिलचस्पी दिखा रहे है और ना ही गांव के वर्तमान सरपंच। स्थानीय होशियार सैनी, नेतराम का कहना है कि दो महीने पहले ही पृथला विधानसभा के विधायक नयनपाल रावत सरूरपुर गांव में आए थे। उन्होंने भी इसी मुख्य मार्ग से होकर गांव में प्रवेश किया था। वह भी इस गांव की स्थिति से पूरी तरह वाकिफ है। इस समय उन्होंने अधिकारियों को गांव में पानी की निकासी की उचित व्यवस्था करने को कहा था।जो आज तक सिरे नही चड सकी है और आज भी गांव के लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर है। इसके अलावा लोगों का कहना है कि गांव में दो तीन स्कूल है। बच्चों को स्कूल जाने के लिए मुख्य मार्ग से होकर गुजरना पड़ता है। जहां हर समय पानी भरा रहता है। बावजूद इसके बच्चे हर रोज इसी गंदे पानी मे गीले होकर स्कूल जाने को मजबूर है।

क्या कहना है पीडब्लूडी अधिकारी का
सरूरपुर गांव के मुख्य मार्ग का कुछ हिस्सा नीचे होने के कारण पोखर का पानी ओवरफ्लो होकर सड़क पर भर रहा है। पानी निकासी का काम उनके विभाग का नही है। लेकिन मंदिर के सामने सड़क का कुछ हिस्सा नीचा पड़ रहा है, उसका हम निरीक्षण करवाएंगे और उसका जल्द टेंडर लगवाकर सड़क का निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा।
प्रदीप संधु, एक्सईएन-पीडब्लूडी

क्या कहना है पंचायत खंड अधिकरी का
संबंधित समस्या को लेकर जब हमने पंचायत खंड अधिकारी से संपर्क करने की कोशिश की तो उन्होंने ना तो हमारा फ़ोन उठाया और ना ही कोई जवाब दिया।