New Delhi/Alive News : दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में कर्मचारियों की नियुक्ति को लेकर एक बार फिर से उपराज्यपाल अनिल बैजल और मुख्यमंत्री अरविंद के बीच तनाव की स्थिति बन गई है. हालत यह है कि मुख्यमंत्री ने उपराज्यपाल को पत्र लिखकर अधिकारियों के बाईपास करने का आरोप लगाया है. उन्होंने लिखा कि क्या कारण है कि एलजी अधिकारियों को मंत्रियों और मुख्यमंत्री को फाइल न दिखाने के लिए बोल रहे हैं.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चिट्ठी में ज़िक्र किया है कि उन्होंने अगस्त में दिल्ली सरकार के अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षकों के साथ एक बैठक की थी जहां अस्पतालों में स्टाफ की कमी की गंभीर शिकायत मिली थी. शिकायत के आधार पर सीएम ने फैसला लिया गया था कि अस्पतालों के खाली पदों को भरने के लिए एमएस को कॉन्ट्रेक्ट पर विशेषज्ञ नियुक्त करने का अधिकार होगा. केजरीवाल के मुताबिक उन्होंने चीफ सेक्रेटरी को एलजी से मंजूरी लेने के निर्देश भी दिए थे.
एलजी को भेजी चिट्ठी में केजरीवाल ने आपत्ति जताते हुए लिखा है कि एमएस को अधिकार देने वाली फ़ाइल जब उन्होंने सीनियर अधिकारियों से मांगी तो हैरान करने वाला जवाब मिला. सीएम केजरीवाल के मुताबिक सीनियर अधिकारियों ने यह कहकर फ़ाइल नहीं भेजी क्योंकि उन्हें किसी मंत्री या सीएम तक को फ़ाइल न दिखाने के एलजी से आदेश मिले थे. फिलहाल, सीएम ने एलजी के सामने फ़ाइल भेजने की मांग रखी है.
सीएम केजरीवाल के मुताबिक दिल्ली सरकार के अस्पतालों में वेंटिलेटर है लेकिन उसे संचालित करने के लिए स्टाफ नहीं है. इसके अलावा एक्स-रे, सीटी स्कैन और एमआरआई जैसी मशीनें चलाने के लिए भी स्टाफ की भारी कमी है. चिट्ठी में सीएम खुद दावा कर रहे हैं कि सरकारी अस्पतालों में दवा काउंटर की कमी होने की बड़ी वजह फार्मासिस्ट न होना है. सीएम केजरीवाल ने एलजी से मांग की है कि वो अस्पतालों में खाली पड़े तमाम पदों को जल्द से जल्द भरें.